दिल्ली-एनसीआर में बीते दिनों हुई बारिश से राष्ट्रीय राजधानी की हवा 'शुद्ध' हो गई है.
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नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. वैज्ञानिकों की मानें तो बीते दिनों हुई बारिश से राष्ट्रीय राजधानी की हवा 'शुद्ध' हो गई है. ऐसा 2018 में पहली बार हुआ है. लगातार बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषण वाले कण धुल गए. सफर के वैज्ञानिक गुफरान बेग ने बताया कि 27 जुलाई को दिल्ली में इस साल पहली बार हवा शुद्धता के स्तर पर थी. एयर क्वालिटी इंडेक्स 43 पर था, जो गुड कैटेगरी में आता है.
बेग ने बताया कि मॉनसून की बारिश से आबो-हवा पर काफी असर पड़ा है. बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषण के स्तर में भारी गिरावट आई है. 0-50 के स्तर पर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'अच्छा' कहा जाता है. वहीं 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'मॉडरेट', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब' और 401-500 'अत्यधिक घातक' स्तर है. पीएम 10 लेवल दिल्ली-एनसीआर में 39 रहा जबकि दिल्ली में यह 32 था. रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 55 से 130 रहा जो शुक्रवार को बारिश के बाद काफी घट गया था.
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5 राज्यों में बाढ़ की स्थिति
मानसून के बाद से बारिश से 5 राज्यों में बाढ़ और वर्षा जनित घटनाओं में अब तक कम से कम 465 लोगों की मौत हो चुकी है. होम मिनिस्ट्री के नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (एनईआरसी) के अनुसार बाढ़ एवं बारिश के चलते महाराष्ट्र में 138, केरल में 125, पश्चिम बंगाल में 116, गुजरात में 52 और असम में 34 लोगों की मौत हुई है.
अतिवृष्टि और बारिश से महाराष्ट्र के 26, पश्चिम बंगाल में 22, असम में 21, केरल में 14 और गुजरात में 10 जिले प्रभावित हैं. एनईआरसी के अनुसार असम में 10.17 लाख लोग बारिश एवं बाढ़ से त्रस्त हैं, जिनमें से 2.17 लाख लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं. एनईआरसी के अनुसार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 12 टीम असम में राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है. एनडीआरएफ की एक टीम में 45 कर्मी होते हैं. पश्चिम बंगाल में बारिश एवं बाढ़ से कुल 1.61 लाख लोग प्रभावित हैं. राज्य में एनडीआरएफ की आठ टीम तैनात की गयी हैं. गुजरात में बाढ़ एवं बारिश से प्रभावित 15,912 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राज्य में एनडीआरएफ की 11 टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है.