हरियाणा: खेड़ा खाप का फैसला- सरनेम का इस्तेमाल हो बंद, अंतर्जातीय विवाह से नहीं दिक्कत
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हरियाणा: खेड़ा खाप का फैसला- सरनेम का इस्तेमाल हो बंद, अंतर्जातीय विवाह से नहीं दिक्कत

 खाप ने अपने दायरे में आने वाले गांवों के लोगों को सरनेम की जगह गांव का नाम लिखने का आग्रह किया है ताकि समाज में जात-पात को खत्म किया जा सके. 

हरियाणा: खेड़ा खाप का फैसला- सरनेम का इस्तेमाल हो बंद, अंतर्जातीय विवाह से नहीं दिक्कत

हिसार:  हरियाणा की खाप पंचायतों की भूमिका को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन  एक खाप पंचायत ऐसी भी है जिसका एक फैसला समाज के लिए मिसाल बन सकता है.  इस खाप ने निर्णय लिया है कि वह अंतरजातीय विवाह का विरोध नहीं करेगी. इतना ही नहीं खाप ने अपने दायरे में आने वाले गांवों के लोगों को सरनेम की जगह गांव का नाम लिखने का आग्रह किया है ताकि समाज में जात-पात को खत्म किया जा सके.

यह खाप हरियाणा के जींद जिले की है. जींद में उचाना हल्का आता है, और इसी उचाना के दायरे के 24 गांवों की अगुवाई करती है सर्वजातीय खेड़ा खाप. सर्वजातीय खेड़ा खाप की गांव भौंसला में हुई पंचायत में यह निर्णय लिया गया है कि जाति व्‍यवस्‍था से छुटकारा पाने के मकसद से भविष्य में जाति दर्शाने वाले शब्‍दों का इस्‍तेमाल खाप के दायरे में आने वाले 24 गांव के ग्रामीण नहीं करेंगे.  ग्रामीण अपने नाम के पीछे सरनेम की बजाय गांव का नाम सरनेम के रूप में लिखेंगे.

हरियाणा में बढ़ने लगा है वाहनों पर जात लिखने का प्रचलन
खेड़ा खाप के प्रवक्ता उदयवीर बरसोला का तर्क है कि आज हरियाणा में कई जगह देखने को मिलता है लोग अपने वाहनों पर अपनी जातियों को लिखवा कर रखते है. कुछ समय से इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है, समाज में बढ़ते इस गेप को देखते हुए ही यह फैसला लिया गया है.

इससे पहले भी यह खाप इसी तरह के समाजहित के निर्णय ले चुकी है. इन निर्णयों में मृत्यु भोज पर अंकुश लगाने के साथ-साथ पौधे लगाने के लिए भी ग्रामीणों को प्रेरित करने जैसे फैसले शामिल है.

गोत्र में विवाह ना हो लेकिन अंतरजातीय विवाह से नहीं
सर्वजातीय खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला का कहना है कि उनकी खाप अंतरजातीय विवाह के विरोधी नहीं है. बल्कि अगर कोई जोड़ा ऐसा कर लेता है, तो ये खाप पंचायत उनके साथ गलत नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि गोत्र में विवाह ना हो. भले ही स्वर्ण और अन्य बिरादरी के युवा विवाह कर ले, उससे कोई दिक्कत  खाप को नही है. 

आगे से दस्तावेज में भी सरनेम के बंद
यहां सवाल यह भी था कि सरनेम तो बदल लिया, लेकिन आधार कार्ड वोटर कार्ड या फिर अन्य सरकारी दस्तावेजों में इन नामों को कैसे बदला जाएगा. इस बारे में खेड़ा खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला ने कहा कि जिनके नाम जो है, वो वहीं रहेंगे. लेकिन अब भविष्य में कोई भी अपना गोत्र नाम नहीं लिखेगा. यानि भविष्य में दस्तावेजों में वो गोत्र के नाम नहीं लिखेंगे. 

कमेटी बनाई जाएगी, जो इस निर्णय का प्रचार करेगी
खाप के प्रधान सतबीर पहलवान बरसोला का कहना था कि खाप अब हरियाणा के अन्य खापों से भी बात करेगी. हालाकिं  मौखिक रूप से उन्हें समर्थन जरूर मिल रहा है. लेकिन जब सब एक होंगे तो इससे ज्यादा फायदा होगा.

खाप के  सदस्‍य उदयवीर बारसोला ने कहा, 'जल्द एक कमेटी बना रहे है, ये कमेटी खाप के फैसले को गांव वालों के बीच ले जाकर सुनिश्चित करेगी कि गांवों से जाति प्रथा पूरी तरह से हट सके. युवाओं को भी यहीं समझाएंगे. 24 गांव में इसे लागू करेंगे.  खेड़ा खाप के प्रतिनिधियों का कहना है कि हरियाणा के बाद इस मुहिम को पूरे देश के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे, ताकि समाज में एकजुटता लाई जा सके.

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