जस्टिस एचएस गिल की कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कृष्ण लाल के वकील ने बताया कि उनको निजी तौर पर जज से कोई आपत्ति नही है, लेकिन जज राम रहीम के खिलाफ पहले दो मामलों में सजा सुना चुके हैं.
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चंडीगढ़: डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ चल रहे डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या मामले में जज बदलने की मांग की याचिका को आधारहीन मानते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस एचएस गिल की कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कृष्ण लाल के वकील ने बताया कि उनको निजी तौर पर जज से कोई आपत्ति नही है, लेकिन जज राम रहीम के खिलाफ पहले दो मामलों में सजा सुना चुके हैं. ऐसे में इस मामले पर आने वाला फैसला भी प्रभावित होगा. हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की ऐसी शंका निराधार है. हाईकोर्ट ने सीबीआइ जज बदलने की मांग न मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
इस मामले में याचिकाकर्त कृष्ण लाल ने कहा है कि इस मामले में सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई कर रहे जज पहले भी गुरमीत सिंह के खिलाफ दो मामलों में फैसला सुना चुके हैं, इसलिए उन्हें इस मामले से अलग किया जाए. साध्वी यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के दोषी जेल में बंद गुरमीत के एक सहयोगी और आरोपी कृष्ण लाल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर मांग की थी कि डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्या मामले में वह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह से इस मामले की सुनवाई नहीं करवाना चाहते हैं. बता दें मामले में गुरमीत राम रहीम, कृष्ण लाल, सबदिल, अवतार और जसबीर आरोपी है.
गौरतलब है 10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रंजीत का मर्डर हुआ था. डेरा प्रबंधन को शक था कि रंजीत ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी. पुलिस जांच से असंतुष्ट रंजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी.
बता दें हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब सीबीआई के विशेष जज जगदीप सिंह की कोर्ट में ही इस मामलें में सुनवाई जारी रहेगी.इस मामले में सीबीआई कोर्ट में फाइनल बहस शुरू हो चुकी है.
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