जेसिका लाल हत्याकांडः कोर्ट ने कहा-बोर्ड की बैठक में मनु शर्मा की रिहाई याचिका पर विचार करे सरकार
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जेसिका लाल हत्याकांडः कोर्ट ने कहा-बोर्ड की बैठक में मनु शर्मा की रिहाई याचिका पर विचार करे सरकार

बता दें कि दिल्ली सरकार मनु शर्मा की रिहाई की अर्जी पहले ही 3 बार ख़ारिज कर चुकी है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी सरकार से कहा कि वह जेसिका लाल हत्या मामले में दोषी मनु शर्मा की समयपूर्व रिहाई से जुड़ी याचिका पर सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की अगली बैठक में विचार करे. इस बैठक के मार्च में होने की संभावना है. न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी ने यह निर्देश दिल्ली सरकार के अदालत को यह बताने के बाद दिया कि एक जनवरी 2019 को प्रभावी नए दिल्ली कारावास नियम, 2018 के तहत अब छह महीने में एक बार के बजाए हर तीन महीने पर एसआरबी की बैठक होगी और शर्मा की याचिका पर अगली बैठक में विचार किया जाएगा. अदालत ने कहा कि बोर्ड दोषी की रिहाई और जेल में उसके संतोषजनक आचरण की परिस्थिति पर अगली बैठक में विचार करेगा और याचिका को निस्तारित कर दिया.

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा, जब सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की अगली बैठक हो तब वह इस मामले पर फिर से विचार करे. इसके साथ ही वह हाईकोर्ट के जजमेंट  पर भी ध्यान दे. मनु शर्मा के वकील ने कोर्ट को बताया कि एसआरबी ने अपने फैसले में मनमानी और मनु शर्मा के वकील ने कोर्ट को बताया कि किस तरह उनके मुवक्किल के मामले में एसआरबी ने अपने फैसले में मनमानी और असमानता की है.

27 जुलाई 2018 को दिल्ली सरकार के सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) ने तिहाड़ जेल में बंद जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा की रिहाई पर फैसला टाल दिया है. अधिकारियों ने बताया कि 27 जुलाई 2018 को हुई अपनी बैठक में बोर्ड ने रिहाई से जुड़ी कई अन्य अर्जियों पर भी फैसला टाल दिया. इसमें तंदूर हत्याकांड के दोषी सुशील शर्मा की भी अर्जी शामिल थी. 

बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि रिहाई की अर्जियों पर फैसला इसलिए टाल दिया गया क्योंकि इस पर बोर्ड के सदस्यों की राय बंटी हुई थी. दिल्ली के गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में प्रमुख सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (विधि), महानिदेशक (जेल), संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), मुख्य परिवीक्षा अधिकारी और एक जिला सदस्य, सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं. 

अप्रैल 2017 में बोर्ड की बैठक टाल दी गई थी. जेसिका की बहन सबरीना लाल का एक पत्र सामने आने के बीच बैठक टाली गई थी. सबरीना ने पत्र में तिहाड़ जेल अधिकारियों को बताया था कि उन्हें मनु शर्मा की रिहाई पर कोई ऐतराज नहीं है. 

जानें क्या है जेसिका लाल हत्याकांड
29 अप्रैल, 1999 को मॉडल जेसिका लाल दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में मौजूद थीं, जहां उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा को गिरफ्तार किया. मनु शर्मा हरियाणा के कद्दावर कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा का बेटा है. सामने आया कि मनु ने जेसिका से शराब परोसने के लिए कहा था, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद मनु ने जेसिका की गोली मारकर हत्या कर दी.

जेसिका लाल हत्याकांड का मुकदमा सात साल तक चला और फरवरी 2006 में सभी आरोपी बरी कर दिए गए. आरोपियों के बरी होने पर सबरीना ने अपने बहन के लिए इंसाफ मांगने के लिए और प्रयास शुरू कर दिए. मामला मीडिया में उछला और देशभर में आरोपियों को बरी किए जाने को लेकर आलोचना शुरू हो गई. इसके बाद जेसिका लाल मर्डर केस फिर से खोला गया.

दिल्ली पुलिस ने 13 मार्च 2006 को हाईकोर्ट में अपील दायर की. 18 दिसंबर, 2006 को हाईकोर्ट ने मनु शर्मा, विकास यादव और अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी को दोषी करार दिया. मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. 2 फरवरी 2007 में उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. 19 अप्रैल 2010 को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से ने मनु शर्मा की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा.

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