कपिल मिश्रा की AAP से उन्हें निष्कासित करने की चुनौती, ACB को दस्तावेज सौंपे
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कपिल मिश्रा की AAP से उन्हें निष्कासित करने की चुनौती, ACB को दस्तावेज सौंपे

मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने सोमवार (8 मई) को आम आदमी पार्टी को उन्हें निष्कासित करने की चुनौती दी. 

कपिल मिश्रा की फाइल फोटो.

नई दिल्ली: मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने सोमवार (8 मई) को आम आदमी पार्टी को उन्हें निष्कासित करने की चुनौती दी. उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर नया हमला बोलते हुए कहा कि आप संयोजक के एक करीबी रिश्तेदार के लिए 50 करोड़ रुपये का सौदा कराया गया था. मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल के रिश्तेदार के नाम पर दस करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनवाए गए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब चुनावों के दौरान, पार्टी सदस्यों द्वारा शराब की आपूर्ति सहित टिकट वितरण में आप द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि आप नेता संजय सिंह पार्टी के लिए विदेश से फंडिंग के लिए लाबिंग करने में शामिल हैं. मिश्रा ने रविवार (7 मई) को केजरीवाल को उनके कैबिनेट सहयोगी से दो करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया था. इस आरोप से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने इंकार किया है. इससे पहले मिश्रा ने कथित टैंकर घोटाला मामले के सबूत सोमवार (8 मई) को दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को सौंप दिये.

उन्होंने कहा कि उन्होंने शिकायत दर्ज करने के लिए मंगलवार (9 मई) को सीबीआई से मिलने का समय मांगा है. यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मिश्रा ने कहा कि वह कभी आप नहीं छोड़ेंगे और अपने जीवन में कभी भाजपा में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने दावा किया कि चूंकि उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ आरोप लगाए हैं, उन्हें मुख्यमंत्री के करीबियों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं.

मिश्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सत्येंद्र जैन ने मुझे बताया था कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार बंसल परिवार के लिए छत्तरपुर में सात एकड़ जमीन का सौदा कराया. पीडब्ल्यू मंत्री होने के नाते, उन्होंने केजरीवाल के रिश्तेदार को लाभ पहुंचाने के लिए विभाग में दस करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनवाए.’ 

मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देना चाहते. उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल की कमजोरी उनकी कुर्सी है. वह अपनी कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते. मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि जब जैन भ्रष्टाचार के मामले में जेल में जाएंगे तो क्या केजरीवाल उस दिन इस्तीफा देंगे?’ 

भाजपा नेताओं के संपर्क में होने के आप के आरोपों को खारिज करते हुए मिश्रा ने पार्टी को इस बात को साबित करने की चुनौती दी और कहा कि आप नेताओं के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है उसे ‘भाजपा एजेंट’ कहा जाता है. उन्होंने कहा कि वह आप में ऐसे एकमात्र व्यक्ति हैं जो भाजपा और मोदी सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध करते हैं.

मिश्रा ने कहा, ‘आप की राजनीतिक मामलों की समिति में चार से पांच लोग हैं जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं. मुझे पता चला कि पीएसी शाम को मुझे पार्टी से बाहर कर देगी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पीएसी के फैसले को स्वीकार नहीं करूंगा जो बंद कमरे में फैसले करती है. आप चार पांच लोगों की पार्टी नहीं है और यह जनता की पार्टी है और जनता फैसला करेगी कि आप में कौन रहेगा.’ 

मिश्रा ने बाद में ट्वीट किया, ‘सत्येंद्र जैन अरविंद केजरीवाल जी को क्लीन चिट दे रहे हैं और अरविंद केजरीवाल जी सत्येंद्र जैन को क्लीन चिट दे रहे हैं. वाह.’ उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में एक ईमेल आईडी ‘लेट्सक्लीनआप एटदिरेट जीमेल डाट काम’ जारी की जहां लोग आप के कथित भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकते हैं.

इससे पहले मिश्रा ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में हुये इस घोटाले की जांच में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जानबूझ कर देरी कर रहे हैं. एसीबी में मामले से जुड़े दस्तावेज जमा कराने के बाद मिश्रा ने कहा कि ‘मैंने अधिकारियों को बता दिया है कि किस तरह से केजरीवाल जानबूझकर इस मामले की जांच में देरी कर रहे हैं.’ 

मिश्रा का दावा है कि वह बतौर मंत्री एक साल पहले ही इस कथित घोटाले की विभागीय जांच करा कर इसकी रिपोर्ट केजरीवाल को सौंप चुके हैं. इसमें उन्होंने टैंकर घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर जांच कराने की सिफारिश की थी.

मिश्रा ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल और उनके दो अन्य सहयोगियों द्वारा टैंकर घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने के दस्तावेजी सबूत भी एसीबी को दिये हैं. इन सबूतों से सरकार द्वारा दीक्षित को बचाने की बात साफ हो जाती है. उन्होंने कहा कि एसीबी इस मामले की विस्तृत जांच के लिये मुझे फिर से बुलायेगी.

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