Arvind Kejriwal News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब खत्म हो चुकी शराब नीति के मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया.कल संबंधित ट्रायल कोर्ट में पेशी होगी.
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Arvind Kejriwal News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब खत्म हो चुकी शराब नीति के मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार कर लिया. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई होने से एक दिन पहले यह बात सामने आई है.
Central Bureau of Investigation examined Delhi CM Arvind Kejriwal in Tihar Jail on Monday and recorded his statement related to the Excise Policy case. CBI also got permission for Arvind Kejriwal's production before the concerned trial court tomorrow. He will be produced before…
— ANI (@ANI) June 25, 2024
कल ट्रायल कोर्ट में केजरीवाल को पेश करेगी CBI
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को तिहाड़ जेल में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की और उत्पाद नीति मामले से संबंधित उनका बयान दर्ज किया. सीबीआई को कल संबंधित ट्रायल कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की पेशी की इजाजत भी मिल गई. उन्हें कल अदालत में पेश किया जाएगा.
केंद्र की भाजपा सरकार ने सीबीआई के साथ मिलकर रची बड़ी साज़िश! pic.twitter.com/C6OLNLA6bQ
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) June 25, 2024
केंद्र की भाजपा सरकार ने सीबीआई के साथ मिलकर रची बड़ी साजिश- संजय सिंह
इसको लेकर राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि सीएम केजरीवाल के खिलाफ बड़ी साजिश है. अरविंद केजरीवाल जी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की पूरी संभावना है. इससे पहले केंद्र की BJP सरकार ने CBI के साथ मिलकर केजरीवाल के खिलाफ झूठा मुकदमा तैयार करके उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश रची है. उन्होंने कहा कि पूरा देश बीजेपी और केंद्र सरकार का अत्याचार और अन्याय देख रहा है. पूरा देश अरविंद केजरीवाल जी के साथ बीजेपी की ज्यादती के खिलाफ खड़ा है और एक साथ मिलकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगा.
हाईकोर्ट ने सीएम केजरीवाल की जमानत पर लगाई थी रोक
बता दें कि इससे पहले आज दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. आदेश सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट को ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं देना चाहिए था, जो हाईकोर्ट के निष्कर्ष के विपरीत हो. दस्तावेजों और दलीलों की उचित सराहना नहीं की गई.