दिल्ली के डॉक्टर्स अस्पतालों में चल रहे VIP कल्चर से परेशान हो गए हैं. इसी के चलते रेजीडेंट डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को चिट्ठी लिखकर मदद की गुहार लगाई है.
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नई दिल्ली: अस्पतालों में जारी VIP कल्चर से डॉक्टर्स परेशान हो गए हैं. यही कारण है कि दिल्ली (Delhi) के रेजीडेंट डॉक्टरों (Resident Doctors) ने शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को चिट्ठी लिखकर सरकारी अधिकारी की हरकत के बारे में अवगत कराया है.
चिट्ठी में लिखा है, 'कोरोना के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में सभी डॉक्टर्स और स्टाफ ड्यूटी खत्म होने के बाद भी मरीजों की देखरेख में लगे हुए हैं. लेकिन कुछ सरकारी अधिकारी VIP कल्चर का फायदा उठाकर डॉक्टर्स को परेशान कर रहे हैं. ऐसे में काम करना मुश्किल हो रहा है. अत: आपसे अनुरोध है कि सभी सरकारी अधिकारियों को VIP कल्चर के नाम पर परेशान न करने का ऑर्डर जारी करें. साथ ही अस्पताल में बढ़ते बोझ को देखते हुए स्टाफ की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दें.'
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इस VIP कल्चर का सालों से इस्तेमाल राजनेता भी कर रहे हैं जो हर आप स्वास्थ्य देखभाल के कामकाज में बाधा बनते हैं. ऐसे में अगर उने किसी मरीज की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो जाती है तो वे इसके लिए डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराते हैं. उनकी इस हरकत से कई बार लोगों में गुस्सा बढ़ जाता है, और वे डॉक्टरों से हाथापाई करने लगते हैं. इसका उदाहरण हाल ही में एमपी में देखने को मिला, जहां एक जन प्रतिनिधि द्वारा मारपीट से परेशान होकर एक वरिष्ठ डॉक्टर को इस्तीफा देना पड़ा.
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1. राजनेताओं के करीबी और प्रियजनों के लिए अधिमान्य उपचार की मांग और डॉक्टर्स को जबरन मरीज के घर भेजने जैसे आदेशों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.
2. बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पर्याप्त कार्यबल को तैनात करने के लिए निर्देश जारी किए जाने चाहिए.
3. स्वास्थ्य देखभाल में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिनिधियों के अनावश्यक हस्तक्षेप पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.
4. डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित एचसीडब्ल्यू के पास स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक समर्पित स्टेशन बनाया जाना चाहिए.
5. विभिन्न सरकारी संस्थानों में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों/पदाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए जाने चाहिए कि चिकित्सा सुविधा का लाभ सिर्फ अपनी स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों को पूरा करने के लिए करें.
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