ना सांस चल रही थी.. ना दिल धड़क रहा था, फिर कैसे जिंदा हो गया मरीज?
Advertisement
trendingNow11938712

ना सांस चल रही थी.. ना दिल धड़क रहा था, फिर कैसे जिंदा हो गया मरीज?

Strange Medical Case: दिल्ली के शालीमार बाग में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां रहने वाले 42 साल की उम्र के शख्स के साथ चमत्कार हुआ. कुछ दिनों पहले इस शख्स को सीने में दर्द हुआ. दर्द को वह एसिडिटी समझता रहा.

ना सांस चल रही थी.. ना दिल धड़क रहा था, फिर कैसे जिंदा हो गया मरीज?

Strange Medical Case: दिल्ली के शालीमार बाग में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां रहने वाले 42 साल की उम्र के शख्स के साथ चमत्कार हुआ. कुछ दिनों पहले इस शख्स को सीने में दर्द हुआ. दर्द को वह एसिडिटी समझता रहा. जब एक घंटे तक दर्द नहीं रुका तो मरीज को इमरजेंसी हालात में शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया.

अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचने पर ना तो मरीज की सांसे चल रही थीं, ना ही उसका दिल धड़क रहा था. यहां तक कि टेस्ट करने पर उसकी ECG की लाइन एकदम सपाट हो चुकी थी. मरीज की आंखों की पुतलियों में भी कोई हरकत नहीं थी. अस्पताल के डॉक्टर के मुताबिक इमरजेंसी डिपार्टमेंट में पहुंचने से 7 मिनट पहले ही मरीज के दिल की धड़कन बंद हो चुकी थी.

डॉक्टर ने बताया कि सबसे पहले जरूरी था की दिल की पंपिंग वापस शुरू की जाए. जिससे दिमाग तक होने वाली खून की सप्लाई को फिर से बहाल किया जा सके. इसके लिए मरीज को 20 मिनट तक तेज सीपीआर दिया गया. सीपीआर में दिल की मांसपेशियों को एक खास तरीके से तेजी से दबाया जाता है. जिससे खून फिर से पंप करने की दिल की क्षमता वापस लौट सके.

20 मिनट के बाद मरीज के दिल की धड़कन हल्की सी वापस लौट आई. फॉर्टिस शालीमार बाग अस्पताल के डॉक्टर नरेश गोयल के मुताबिक अगर यह मरीज 5 मिनट भी और लेट हो जाता तो इसका बचना लगभग नामुमकिन था. इसी हालत में मरीज की एंजियोप्लास्टी की गई. इस टेस्ट में जांघ के जरिए दिल तक एक तार जैसा कैथेटर डालकर यह देखा जाता है कि दिल की हालत क्या है और किस आर्टरी में कितनी ब्लॉकेज है.

टेस्ट में पता चला कि मरीज के दिल के बाएं चेंबर को blood supply नहीं हो पा रही है. खून पंप करने वाली सबसे बड़ी आर्टरी LAD पूरी तरह से बंद है. चार दिनों के इलाज के बाद मरीज जानलेवा हालात से बाहर निकला और उसे रिवाइव किया जा सका. इलाज के लिए मरीज को तकरीबन 15 दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा.

TAGS

Trending news