स्पेशल सेल (Special Cell) के मुताबिक ओल्ड सीमापुरी (Old Seemapuri) के मकान नंबर डी-49 सुनारों वाली गली में एक संदिग्ध बैग (Suspicious Bag) मिला है. संदिग्ध बैग में IED मिलने की जानकारी सामने आई है.
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नई दिल्ली: 14 जनवरी को जब गाजीपुर (Ghazipur) में IED मिला तो उसकी जांच (Investigation) करने के लिए ऑपरेशन (Operation) चलाया गया था. बता दें कि करीब 800 सीसीटीवी (CCTV) की मदद से स्पेशल सेल (Special Cell) D-49 के उस घर पर पहुंची जहां दूसरा IED मिला.
इस ऑपरेशन (Operation) में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) के करीब 100 पुलिसकर्मियों (Policemen) को लगाया गया था. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाह (DCP Pramod Singh Kushwaha), एसीपी ललित मोहन नेगी (ACP Lalit Mohan Negi), एसीपी ह्रदय भूषण (ACP Hriday Bhushan), इंस्पेक्टर विनोद बडोला (Inspector Vinod Badola), सब इंस्पेक्टर सुंदर गौतम (Sub Inspector Sundar Gautam) की टीम (Team) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.
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दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम (Delhi Police Special Cell Team) ने सीसीटीवी (CCTV) के जरिए एक बाइक (Bike) की पहचान की और उस संदिग्ध बाइक (Suspicious Bike) का पीछा करते हुए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की टीम सुनार वाली गली, ओल्ड सीमापुरी (Old Seemapuri) पहुंची. कई दिनों तक चले इस ऑपरेशन (Operation) में पहला सीसीटीवी आनंद विहार (Anand Vihar) के एक मॉल (Mall) के पास का था. फिर कई सीसीटीवी के जरिए उस बाइक को फॉलो (Follow) किया गया जिसके बाद ओल्ड सीमापुरी गोल चक्कर के पास एक सीसीटीवी में उसी संदिग्ध बाइक को देखा गया.
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35 दिन के ऑपरेशन के बाद दिल्ली में दूसरा बम मिला. बता दें कि स्पेशल सेल की टीम (Special Cell Team) के लिए उस बाइक को फॉलो करना और उन संदिग्धों के घर तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था. लेकिन टीम (Team) ने सूझ-बूझ के साथ वहां कई पुलिसकर्मियों की टीम को सादी वर्दी में तैनात कर कई दिनों तक वॉच (Watch) किया. जब पुलिस ने उस D-49 घर को चिन्हित किया तब तक तीनों संदिग्ध घर को छोड़कर फरार (Escapee) हो चुके थे.
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