Delhi Politics Latest News: क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि बीजेपी विधायकों ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलकर केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है.
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Demand for Dismissal of Kejriwal Government: क्या केजरीवाल सरकार बर्खास्त होने वाली है. क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है ? ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि दिल्ली में बीजेपी के विधायकों ने राष्ट्रपति मुर्मु को एक लेटर लिखा है. जिसमें संवैधानिक संकट का हवाला देकर केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गई है. बड़ी बात ये है कि राष्ट्रपति ने उचित कार्रवाई के लिए इस लेटर को केंद्रीय गृह मंत्रालय भेज दिया है.
केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग
अरविंद केजरीवाल जेल में रहकर दिल्ली सरकार चला रहे हैं. जेल से जमानत पर रिहा होकर चुनाव प्रचार भी कर चुके हैं. अब AAP को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल जाए. इसी संभावना के बीच दिल्ली में बीजेपी विधायक राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के पास एक लेटर लिखकर पहुंच गए. लेटर में केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की डिमांड कर दी.
डिमांड की वजह बताई कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में हैं. जनता से जुड़ी फाइलों पर सीएम के साइन नहीं हो पा रहे हैं. जिसकी वजह से जनता से जुड़े कई काम अटके हुए हैं. दिल्ली में केंद्र सरकार की योजनाएं भी लागू नहीं हो पा रही हैं. कुल मिलाकर दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है.
बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति मुर्मू से की मुलाकात
इसी आधार पर दिल्ली में केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग के साथ 30 अगस्त को बीजेपी विधायकों के डेलीगेशन ने राष्ट्रपति मुर्मु से मुलाकात की थी.
वैसे बीजेपी राष्ट्रपति से पहले दो बार सुप्रीम कोर्ट से भी केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की गुहार लगा चुकी है. लेकिन दोनों ही बार सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया. अब बीजेपी विधायक राष्ट्रपति से गुहार लगाने पहुंचे हैं. इसकी टाइमिंग भी महत्वपूर्ण हैं. हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव हैं. वहीं
दिल्ली में भी अगले साल की शुरुआत में चुनाव हैं.
कहीं बीजेपी को उल्टा न पड़ जाए दांव?
ऐसे में अगर गृहमंत्रालय केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करता है तो बीजेपी को फायदा हो सकता है. जाहिर है, आम आदमी पार्टी को भी सब समझ में आ रहा है.
वैसे दिल्ली में पहली बार राष्ट्रपति शासन 15 फरवरी 2014 को लगा था...तब अरविंद केजरीवाल ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने के 49 दिन बाद इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद AAP ने दिल्ली की 70 में से 67 सीटें जीती थीं. ऐसे में अगर इस बार दिल्ली में दूसरी दफा राष्ट्रपति शासन लगता है तो इसका फायदा किसे होगा. ये देखने लायक बात होगी.
(दिल्ली से देवेश कुमार की रिपोर्ट)
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