यूपी में अगले साल होने वाले असेंबली चुनावों (UP Assembly Election 2022) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपना कोर मुद्दा तय कर लिया है. पार्टी को उम्मीद है कि इस मुद्दे के सहारे वह अगले साल फिर से यूपी की सत्ता में काबिज हो जाएगी.
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लखनऊ: यूपी में अगले साल होने वाले असेंबली चुनावों (UP Assembly Election 2022) को देखते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपनी ओबीसी (OBC) पॉलिटिक्स को धार देना शुरू कर दिया है. चुनाव को ध्यान में रखते हुए समाजवादी पार्टी ने अब प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू करने की मांग की है.
जानकारी के मुताबिक तत्कालीन पीएम वीपी सिंह के कार्यकाल में 7 अगस्त 1990 को मंडल कमीशन (Mandal Commission) की रिपोर्ट देश में लागू हुई थी. इसके बाद ही सरकारी नौकरियों में ओबीसी के लिए 27 पर्सेंट आरक्षण लागू करने का रास्ता साफ हुआ था. समाजवादी पार्टी (SP) का कहना है कि इस रिपोर्ट में प्राइवेट सेक्टर में भी रिजर्वेशन लागू करने की सिफारिश थी. लिहाजा सरकार इस बारे में भी आदेश जारी करे.
जानकारी के मुताबिक समाजवादी पार्टी (SP) ने अपने वोट बेस को मजबूत करने के लिए जातीय जनगणना कराने की मांग की है. एसपी ने घोषणा की है कि वह 7 अगस्त को यूपी में मंडल दिवस मनाएगी. इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के जरिए राष्ट्रपति को 7 सूत्रीय मांग पत्र भेजा जाएगा.
समाजवादी पार्टी (SP) के अनुसार इस मांग पत्र में कहा गया है कि जातीय जनगणना कराई जाए. आबादी के अनुपात में सभी जातियों को हिस्सेदारी दी जाए. आरक्षित वर्ग की बैकलॉग भर्तियों को पूरा किया जाए. इसके साथ ही नीट में ओबीसी (OBC) वर्ग के आरक्षण को रोके जाने से जो 10 हज़ार सीटों का नुक़सान हुआ था, उसकी क्षतिपूर्ति की जाए.
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SP ने मांग की है कि सरकारी विभागों में लेटरल एंट्री सिस्टम बंद किया जाए. प्राइवेट सेक्टर में मंडल कमीशन (Mandal Commission) की रिपोर्ट लागू कर आरक्षण का लाभ दिया जाए. इसकी अन्य सभी सिफ़ारिशों को भी लागू किया जाए.
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