दिल्ली से सिर्फ़ 200 किलोमीटर दूर आगरा में इन दिनों स्मार्ट सिटी योजना के तहत कई विकास कार्य चल रहे हैं. आगरा किले को ताजमहल से जोड़ने वाली सड़क पर भी Pipeline बिछाने का काम हो रहा है. लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये विकास कार्य अब आगरा प्रशासन के लिए परेशानी बन गए हैं.
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नई दिल्लीः अब हम आपको एक ऐसी ख़बर के बारे में बताना चाहते हैं, जो Instant विकास वाली सोच के प्रति आपकी समझ को बढ़ाएगी. भारत को एक विकासशील देश कहा जाता है. हमारे देश में लोग 24 घंटे बिजली और पानी तो चाहते हैं, लेकिन जब इन्हीं चीज़ों के लिए किसी के घर के बाहर या किसी सड़क पर खुदाई की जाती है तो हम विरोध करने लगते हैं. हमें अपने घर, गांव और शहर में सुंदर और चौड़ी सड़कें तो चाहिए, लेकिन जब इसके लिए किसी रास्ते को बंद कर दिया जाता है, तो हम वही करते हैं, जो हमें सिखाया गया है. हम विरोध करते हैं और हम विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि, हमें विकास नहीं, Instant विकास चाहिए.
हमारे देश में लोग विकास भी चाहते हैं और विकास के लिए कष्ट भी नहीं उठाना चाहते. यानी हम विकास को भी 2 मिनट में तैयार होने वाले नूडल्स के तराजू पर ही तोल कर देखते हैं और आज हम इसी के बारे में आपके साथ एक छोटी सी चर्चा करना चाहते हैं.
विकास कार्य आगरा प्रशासन के लिए परेशानी बन गए
दिल्ली से सिर्फ़ 200 किलोमीटर दूर आगरा में इन दिनों स्मार्ट सिटी योजना के तहत कई विकास कार्य चल रहे हैं. आगरा किले को ताजमहल से जोड़ने वाली सड़क पर भी Pipeline बिछाने का काम हो रहा है. लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये विकास कार्य अब आगरा प्रशासन के लिए परेशानी बन गए हैं. परेशानी की वजह, सड़क पर रखे वो पाइप हैं, जिन्हें लोगों ने अब अपना नया रास्ता बना लिया है. हम इसे दुर्भाग्यपूर्ण क्यों कह रहे हैं, इसकी तस्वीरें आप खुद देख सकते हैं. सड़क बंद होने की वजह से बहुत से लोग इन पाइपों के अंदर से गुज़र कर अपने काम पर जाते हैं. उन्हें अपना काम तो दिखता है लेकिन विकास नहीं दिखता. विकास दो चीज़ों पर निर्भर करता है, ये दो चीज़ें हैं धैर्य और सहयोग, लेकिन Instant विकास वाले इस मॉडल में लोगों के पास न तो धैर्य है और न ही वो सहयोग करना चाहते हैं और आज हम आपको यही बात बताना चाहते हैं. इस पर हमने एक रिपोर्ट तैयार की है.
आगरा से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं और यहां कोई बाइक सवार स्टंट नहीं दिखा रहा है, न ही यहां कोई प्रतियोगिता चल रही है. ये वो लोग हैं, जो विकास तो चाहते हैं, लेकिन उस विकास के लिए कोई कष्ट नहीं उठाना चाहते. वैसे तो आगरा फोर्ट को ताजमहल से जोड़ने वाली ये सड़क बंद है. विकास कार्यों की वजह से इस सड़क को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है. सड़क पर बड़े बड़े पाइप रखे हैं और पुलिस की भी ड्यूटी लगी है कि वहां से किसी को जाने नहीं दे, लेकिन फिर भी लोग इस सड़क का इस्तेमाल कर रहे हैं.
सड़क पर रखे पाइपों के अंदर से गुज़र रहे ये लोग समय पर अपने दफ़्तर पहुंचना चाहते हैं. इस बाइक सवार अपनी बाइक को लेकर पाइप के अंदर से गुज़र रहे हैं. इससे उसकी जान को भी ख़तरा हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद वो पेट्रोल बचाने के लिए अपनी जान को दांव पर लगा देते हैं.
पाइपों से गुज़रने वाले ये लोग मानते हैं कि सड़क को चौड़ा किया जाना ज़रूरी है. लेकिन ये लोग विकास से होने वाले कष्ट को नहीं उठाना चाहते.
जो लोग पाइपों के बीच से नहीं गुज़र सकते, वो अपनी साइकल और ठेले को उठा कर दूसरी तरफ़ ले जाने के लिए तैयार हैं. इसमें ख़तरा है, लेकिन इसका भी इन्हें डर नहीं है. ये लोग बस 5 किलोमीटर घूम कर दूसरी तरफ़ से नहीं जाना चाहते. यानी ये लोग विकास के ख़िलाफ़ नहीं हैं, ये विकास तो चाहते हैं लेकिन इनके लिए ये विकास दो मिनट में तैयार होने वाले नूडल्स के जैसा ही है.
ये काम पुलिस को सौंपा गया है कि वो इस सड़क से किसी को गुज़रने नहीं दे, लेकिन पुलिस की दलील है कि वो लोगों की मनमानी के आगे बेबस है. ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने तो यहां तक बताया कि लोगों को रोकने पर उनके साथ बदसलूकी की जाती है.
विकास के इस मॉडल में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने इस स्थिति को एक अवसर में तब्दील कर लिया है. ये वो लोग हैं, जो पाइपों के अंदर से लोगों की बाइकें निकालने के बदले 10 से 20 रुपये तक लेते हैं.
लोग विकास नहीं, Instant विकास चाहते हैं
विकास दो चीज़ों पर निर्भर करता है, लोगों का धैर्य और उनका सहयोग. ये वो दो Ingredient हैं, जो विकास के सपने को पूरा करते हैं, लेकिन आगरा की ये तस्वीरें बताने के लिए काफ़ी हैं कि लोग विकास नहीं, Instant विकास चाहते हैं.
फिलहाल Zee News की मुहिम के बाद इन पाइपों को बंद कर दिया गया है, लेकिन हमारा सवाल यहां ये है कि पाइपों को बंद करने की जगह हम विकास के प्रति नई सोच की नई शुरुआत क्यों नहीं कर सकते? ये सवाल आपको खुद से पूछना है, क्योंकि वही देश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता है, जिस देश के लोग विकास में अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करते हैं.
विकास का सही अर्थ
अमेरिका के मशहूर अर्थशास्त्री Joseph Stiglitz (जोसेफ स्टिगलिज़ ) कहते हैं कि Development is about transforming the lives of people, not just transforming economies, इसका अर्थ है, विकास आम आदमी की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम है. केवल अर्थव्यवस्था में बदलाव का साधन नहीं, लेकिन हमारे देश में विकास के प्रति लोगों का नज़रिया ऐसा नहीं है. हमारे देश में स्कूल, सड़क, कॉलेज, डैम और अस्पतालों के निर्माण को ही विकास समझा जाता है. लेकिन असल में ये विकास नहीं है. ये केवल विकास के Symptom यानी लक्षण हैं. इसलिए आज हम आपको विकास का सही अर्थ बताना चाहते हैं.
16वीं शताब्दी में पहली बार Develop शब्द का इस्तेमाल हुआ था. हालांकि इस शब्द को असली पहचान 18वीं शताब्दी में मिली, जब इसका प्रयोग काफ़ी बढ़ गया. यानी यहीं से विकसित और विकासशील देशों के बीच के अंतर उजागर हुए.
विकास का सही अर्थ है, उन्नति या प्रगति और जैसा कि हमने आपको बताया. विकास दो चीज़ों पर निर्भर करता है, धैर्य और सहयोग.
इसे आप एक उदाहरण के ज़रिए भी समझ सकते हैं-
मध्य प्रदेश में एक ज़िला है, झाबुआ. इस ज़िले में पानी की काफ़ी समस्या है और चुनावों में यही मुद्दा लोगों की प्राथमिकता में रहता है. लेकिन कुछ समय पहले वहां 400 गांवों के लगभग 12 हज़ार लोगों ने पानी बचाने की मुहिम शुरू की थी. इन लोगों ने पानी बचाने के लिए लगभग दो लाख छोटे तालाब बनाए और 225 गांवों में 52 छोटे बांधों का भी निर्माण किया. यानी इन लोगों ने विकास में अपनी ज़िम्मेदारी निभाई और उन्नति के दरवाज़े भी खोले.
हालांकि हमारे देश में अब भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो विकास को केवल सरकार की ज़िम्मेदारी मानते हैं. हम यहां ये नहीं कह रहे कि विकास कार्यों की ज़िम्मेदारी सरकार की नहीं है. हम ये कह रहे हैं कि इस विकास में आपका भी अहम रोल है, जिसे आपको हमेशा याद रखना चाहिए.