DNA Analysis: अब 5 साल से बड़े बच्चों को लगेगा टीका, जानें आपके बच्चे के लिए कौन सी वैक्सीन जरूरी?
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DNA Analysis: अब 5 साल से बड़े बच्चों को लगेगा टीका, जानें आपके बच्चे के लिए कौन सी वैक्सीन जरूरी?

DNA Analysis: कोरोना वायरस की चौथी लहर के खतरे को देखते हुए बच्चों का वैक्सीनेशन बहुत जरूरी हो गया था, क्योंकि आशंका जताई जा रही थी कि बच्चे भी महामारी के चपेट में आ सकते हैं.

DNA Analysis: अब 5 साल से बड़े बच्चों को लगेगा टीका, जानें आपके बच्चे के लिए कौन सी वैक्सीन जरूरी?

DNA Analysis: आज हम आपको एक ऐसी खबर बता रहे हैं, जो देश के हर परिवार को राहत देने वाली है. अब पूरे देश में 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जाएगी. अभी तक 12 वर्ष से ऊपर के बच्चों को वैक्सीन की सुरक्षा मिल रही थी, लेकिन अब 5 से 12 साल के बच्चों को भी कोविड से बचाव का टीका लगाया जाएगा. कोरोना काल में छोटे बच्चों के लिए वैक्सीनेशन का इंतजार देश के करोड़ों परिवारों को था और अब ये खुशखबरी आ गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने किया ऐलान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इसका ऐलान किया. मांडविया ने अपने ट्वीट में लिखा, 'भारत की कोविड से लड़ाई अब और अधिक मजबूत से लड़ी जा सकेगी. 6 से 12 आयुवर्ग के लिए 'Covaxin' को मंजूरी दी गई है. 5 से 12 आयुवर्ग के लिए 'Corbevax' के इस्तेमाल को इजाजत मिली है, जबकि 12 से ऊपर के आयुवर्ग के लिए 'ZyCoV-D' की 2 डोज के आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी दी गई है.

चौथी लहर को देखते हुए बच्चों का वैक्सीनेशन जरूरी

कोरोना की चौथी लहर के खतरे को देखते हुए बच्चों का वैक्सीनेशन बहुत जरूरी हो गया था. आशंका जताई जा रही थी कि बच्चे भी महामारी के चपेट में आ सकते हैं. इसलिए देश के लाखों परिवार अपने बच्चों के लिए वैक्सीन की सुरक्षा चाहते हैं. ज्यादातर शहरों और गांवों में स्कूल भी खुल गए हैं, इसलिए बच्चों के वैक्सीनेशन की जरूरत और बढ़ गई है. जल्द ही बच्चों के लिए 3 वैक्सीन उपलब्ध होंगी. हम विस्तार से बताते हैं कि कौन सी वैक्सीन हैं ये.

बच्चों को लगाई जाएंगी ये 3 वैक्सीन

ये तीन वैक्सीन कोर्बेवैक्स, कोवैक्सीन और जायकोव-डी हैं. इनमें से कोर्बेवैक्स 5 से 15 वर्ष तक के बच्चों को लगाई जाएगी. कोवैक्सीन 6 साल से ऊपर के बच्चों के लिए होगी, जबकि जायकोव डी वैक्सीन 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना से बचाएगी. अगर आपके परिवार में किसी बच्चे की उम्र 5 से 6 साल के बीच है तो उसे कोर्बेवैक्स ही लगाई जा सकती है. अगर बच्चे की उम्र 6 से 12 साल के बीच है तो उसे कोर्बेवैक्स या कोवैक्सीन दी जा सकती है. अगर बच्चे की उम्र 12 साल से अधिक है तो आपके पास 3 वैक्सीन का विकल्प होगा. आप कोर्बेवैक्स, कोवैक्सीन या जायकोव-डी कोई भी वैक्सीन लगवा सकते हैं. यानी बच्चे की उम्र के हिसाब से आपके पास वैक्सीन लगवाने के कई विकल्प मौजूद हैं.

बच्चों के वैक्सीनेशन के बारे में जानें सबकुछ

बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर आपके मन में कई सवाल होंगे. आप जानना चाहेंगे कि किस वैक्सीन की कितनी डोज लगाई जाएगी? ये वैक्सीन कहां लगाई जाएगी और क्या ये मुफ्त है या फिर इसके लिए आपको पैसे देने पड़ेंगे? अगर आपके पास ये जानकारी होगी तो आपको अपने बच्चों के लिए वैक्सीन चुनने में आसानी होगी. हम आपको एक-एक कर तीनों वैक्सीन की जानकारी देते हैं ताकि आपको हर सवाल का जवाब मिल जाए.

स्वदेशी वैक्सीन है कोर्बेवैक्स

कोर्बेवैक्स स्वदेशी वैक्सीन है, जिसे हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल-ई लिमिटेड ने तैयार किया है. कोर्बेवैक्स की दो डोज लगाई जाएंगी और इनके बीच 28 दिनों का अंतर होगा. कोर्बेवैक्स को बहुत कम साइड इफेक्ट्स वाली वैक्सीन माना जाता है यानी ये बच्चों के लिए सुरक्षित है. ये वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में मुफ्त लगाई जाएगी, हालांकि प्राइवेट अस्पताल इसके लिए चार्ज ले सकते हैं. इसी साल मार्च में कोर्बेवैक्स को 12 से 15 के एज ग्रुप के बच्चों के लिए मंजूरी दी गई थी. अब ये वैक्सीन 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों को भी लगाई जा सकेगी.

6 साल से ऊपर के बच्चों को लगेगी कोवैक्सीन

कोर्बेवैक्स के बाद नंबर आता है कोवैक्सीन का. कोवैक्सीन भी स्वदेशी वैक्सीन है. इसे भारत बायोटेक ने तैयार किया है. 6 साल से ऊपर के बच्चों को इसकी दो डोज दी जाएगी, जिनके बीच 28 से 40 दिनों का अंतर होगा. ये वैक्सीन भी बच्चों के लिए सेफ और प्रभावी है. अगर आप सरकारी हॉस्पिटल में ये वैक्सीन लगवाते हैं तो आपको एक भी पैसा नहीं देना होगा, लेकिन निजी अस्पताल में आपको इसकी कीमत चुकानी होगी.

12 से ज्यादा उम्र के बच्चों को लगेगी Zycov-D

Zycov-D वैक्सीन 12 वर्ष से ऊपर के बच्चों को लगाई जाएगी. ये दूसरी वैक्सीन से अलग है. बाकी वैक्सीन सीरिंज के जरिए लगती है, जबकि Zycov-D को लगाने के लिए Pharma Jet Applicator की मदद ली जाएगी. इससे वैक्सीन लगवाने वाले को काफी कम दर्द होगा. बहुत से बच्चों को सुई यानी इंजेक्शन से डर लगता है. ऐसे बच्चों का डर Zycov-D वैक्सीन दूर सकती है. Zycov-D वैक्सीन की भी 2 डोज दी जाएगी. पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाएगी.

बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए ये साल काफी महत्वपूर्ण

देश में बच्चों के वैक्सीनेशन के लिहाज से ये वर्ष काफी महत्वपूर्ण है. 3 जनवरी 2022 को 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई. 16 मार्च 2022 को 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू हुआ. 26 अप्रैल 2022 को 5 वर्ष से 12 वर्ष के बच्चों के लिए भी वैक्सीन को मंजूरी मिल गई.  इन वैक्सीन को मंजूरी मिलने से देश में करोड़ों बच्चों को सुरक्षा कवच मिलेगा.

देश में इतनी है बच्चों की संख्या

देश में फिलहाल 5 से 12 वर्ष आयु वर्ग में 20 करोड़ से अधिक बच्चे हैं, जबकि 6 से 12 साल के एज ग्रुप मे 17 करोड़ 50 लाख से अधिक बच्चे हैं. अब इन बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जाएगी और ये भी कोरोना का मुकाबला ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकेंगे. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश काफी तेजी और मजबूती से आगे बढ़ रहा है. भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार और दायरा दुनिया के कई विकसित देशों से भी बेहतर है.

80 करोड़ से अधिक वयस्कों को लगी है वैक्सीन

देश में अब तक 80 करोड़ से अधिक वयस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है. 15 से 18 साल आयु वर्ग के 4 करोड़ से अधिक बच्चे पूरी तरह यानी पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुके हैं, जबकि 12 से 15 वर्ष के 37 लाख से अधिक बच्चों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है. इसके अलावा 2 करोड़ 69 लाख से अधिक लोगों को बूस्टर डोज भी दी गई है. भारत में वैक्सीन की कुल एक अरब 87 करोड से अधिक डोज लगाई जा चुकी है. ये आंकड़ा दुनिया के छोटे बड़े डेढ़ सौ देशों की जनसंख्या से अधिक है और वैक्सीनेशन का ये DATA हर मिनट बढ़ता जा रहा है.

वैक्सीन नहीं लगी होने पर सबसे ज्यादा खतरा

मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि महामारी की किसी भी लहर में सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है, जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी है. 5 से 12 वर्ष के बच्चे इसी दायरे में आते थे. आम तौर पर बड़े लोगों की तुलना में छोटे बच्चों की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा अच्छी होती है. फिर भी लोगों में आशंका बनी हुई थी कि अगर उनके बच्चे कोरोना से संक्रमित हो गये या फिर कोई खतरनाक वेरिएंट फैला तो क्या होगा. अब उनकी ये चिंता भी दूर हो जाएगी.

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