DNA ANALYSIS: टुकड़े-टुकड़े गैंग के लिए तालिबान का टूर पैकेज! काबुल में गुजारिए कुछ दिन
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DNA ANALYSIS: टुकड़े-टुकड़े गैंग के लिए तालिबान का टूर पैकेज! काबुल में गुजारिए कुछ दिन

हमारे देश का टुकड़े-टुकड़े गैंग अगर छुट्टियां मनाने काबुल जाएगा तो उन्हें वहां बहुत अच्छा लगेगा. क्योंकि हो सकता है तालिबानी उन्हें एयरपोर्ट से सीधे काबुल के एम्यूजमेंट पार्क ले जाएं, जहां तालिबान के लड़ाके उन्हें खुद घोड़ा गाड़ी पर झूलकर और बंपिंग कार चलाकर उनकी मेहमान नवाजी करेंगे.

DNA ANALYSIS: टुकड़े-टुकड़े गैंग के लिए तालिबान का टूर पैकेज! काबुल में गुजारिए कुछ दिन

नई दिल्ली: भारत में मुसलमानों की स्थिति पर आंसू बहाने वाले कुछ लोग भी अब अफगानिस्तान में तालिबान के शासन का समर्थन कर रहे हैं और उसकी जीत पर तालियां बजा रहे हैं. ये लोग तालिबानियों की तुलना भारत की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारियों से कर रहे हैं. इनमें से कई लोगों का कहना है कि तालिबानियों ने बिना खून बहाए, बहुत अहिंसक तरीके से ये सफलता हासिल की है.

  1. देशद्रोहियों के लिए टूर पैकेज
  2. काबुल में छुट्टियां बिताने का मौका
  3. तालिबानियों संग पार्क की सैर

तालिबान का टूर पैकेज

रूस ने तो यहां तक कहा है कि तालिबान के आने के बाद से काबुल पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गया है. हमारे देश के टुकड़े-टुकड़े गैंग, कई सारे लिबरल्स (Liberals) और बुद्धिजीवियों को भी ऐसा ही लगता है.

ये लोग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तर्ज पर कह रहे हैं कि तालिबान ने गुलामी की बेड़ियां तोड़ने का काम किया है. ऐसे लोगों के लिए हम एक ऑफर लेकर आए हैं. ये लोग अगर चाहें तो कुछ दिन छुट्टियां मनाने के लिए अफगानिस्तान जा सकते हैं और काबुल में 5 रातों और 6 दिन का एक पैकेज ले सकते हैं. इसमें Visa On Arival मिले ना मिले Bullet On Arival जरूर मिलेगी.

क्रांतिकारियों से तालिबानियों की तुलना

लेकिन इस ऑफर की डिटेल्स जानने से पहले आप जान लीजिए कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबानियों को गुलामी की बेड़ियां तोड़ने वाला बताया था. इसी तरह का बयान भारत में बैठे कुछ लोग भी दे रहे हैं और तालिबानियों की तुलना क्रांतिकारियों से कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के एक सांसद शफीकुर्र रहमान बर्क ने कहा है कि तालिबान वैसे ही लड़ा है जैसे हमारे देश के क्रांतिकारी आजादी के लिए अंग्रेज़ों से लड़े थे.

इसलिए हम कह रहे हैं कि ये सारे लोग चाहें तो काबुल में कुछ दिन गुजार सकते हैं. इन लोगों को इस दौरान काबुल में बहुत सारी एडवेंचर एक्टिविटीज करने का मौका भी मिलेगा. ये लोग चाहें तो इस दौरान उड़ान भरते विमानों से लटक सकते हैं, एयरपोर्ट में अंदर घुसने के लिए रोप क्लाइंबिंग कर सकते हैं. तालिबानी लड़ाकों के साथ बच्चों के थीम पार्क में झूले झूल सकते हैं. बंपिंग कार चला सकते हैं.

साथ ही ये लोग हिंदुकुश के उन पहाड़ों पर ट्रैकिंग कर सकते हैं जहां तालिबान अल्पसंख्यकों का खून बहाता आया है और जहां आज भी तालिबानियों का कब्जा है. काबुल में इन दिनों बुर्के और हिजाब की दुकानों पर बहुत भीड़ है क्योंकि तालिबान के आते ही वहां की महिलाओं के लिए बुर्का अनिवार्य हो गया है. ये लोग चाहें तो काबुल जाकर इन दुकानों से शॉपिंग भी कर सकते हैं.

कुछ दिन तो गुजारिए काबुल में

हम इन लोगों को सिर्फ 50 हजार रुपये में एक शानदार बंगला खरीदने का भी एक ऑफर देना चाहते हैं. इस बंगले में 6 बेडरूम हैं, एक स्विमिंग पूल और एक गार्डन भी है. अब लोकेशन नोट कर लीजिए, लोकेशन है उत्तरी काबुल. ये उन लोगों के लिए बहुत अच्छा समय है जो खुद को भारत में असुरक्षित महसूस करते हैं.

हमारे देश का टुकड़े-टुकड़े गैंग अगर छुट्टियां मनाने काबुल जाएगा तो उन्हें वहां बहुत अच्छा लगेगा. क्योंकि हो सकता है तालिबानी उन्हें एयरपोर्ट से सीधे काबुल के एम्यूजमेंट पार्क ले जाएं, जहां तालिबान के लड़ाके उन्हें खुद घोड़ा गाड़ी पर झूलकर और बंपिंग कार चलाकर कहेंगे कि आप हमें हमारी मेहमान नवाजी के लिए फाइव स्टार रेटिंग जरूर दीजिएगा.

ये लोग चाहें तो तालिबान के नियंत्रण में आ चुके जिम में जाकर नफरत कैसे फैलाई जाए ये सोचते हुए व्यायाम भी कर सकते हैं. इसके बाद ये अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में तालिबानियों के साथ बैठकर डिनर कर सकते हैं और उनसे उनकी खूनी क्रांति की कहानियां सुन सकते हैं. टुकड़े-टुकड़े गैंग का वैसे भी लोकतंत्र और संसद पर विश्वास नहीं है, इसलिए ये लोग अफगानिस्तान की संसद भी जा सकते हैं, जिस पर अब तालिबान का कब्जा है.

लौटकर फिर आएंगे अपने वतन

ये लोग तालिबानियों द्वारा कब्जे में लिए गए हेलीकॉप्टर्स में बैठकर काबुल की सैर भी कर सकते हैं. हालांकि इस बात की गारंटी नहीं है कि तालिबानियों को ये हेलीकॉप्टर उड़ाने आते भी हैं या नहीं.

लेकिन हमें यकीन है कि एक ना एक दिन इन लोगों का तालिबानियों के बीच दम घुंटने लगेगा. इन्हें हिंसा का डर सताने लगेगा, परिवार की याद सताने लगेगी और जब इन लोगों को ऐसा लगेगा तो भारत सरकार और भारत की सेना बड़ा दिल दिखाते हुए इन्हें वहां से रेस्क्यू कर लेगी. और ये लोग इंडियन एयर फोर्स के विमान से वापस लौटते हुए हिंदुकुश की पहाड़ियों को देखकर सोचेंगे कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा. भारत की वायुसेना भी इन्हें विमान पर लटकने के लिए मजबूर नहीं करेगी बल्कि इन्हें आराम से विमान के अंदर बिठाकर लाया जाएगा.

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