DNA ANALYSIS: धर्मांतरण के 32 सर्टिफिकेट से खुलासा, समझिए कैसे विदेशी फंडिंग से हो रहा भारत में धर्म परिवर्तन
Advertisement
trendingNow1927274

DNA ANALYSIS: धर्मांतरण के 32 सर्टिफिकेट से खुलासा, समझिए कैसे विदेशी फंडिंग से हो रहा भारत में धर्म परिवर्तन

आपको याद होगा हमने आपको 22 साल के मन्नू यादव की कहानी बताई थी, जो मूक-बधिर है यानी न बोल सकता है और न सुन सकता है, लेकिन उसे इन लोगों ने मन्नू यादव से अब्दुल मन्नान बना दिया और आज हमारे पास मन्नू यादव जैसी 32 और नई कहानियां हैं और ये कहानियां आज ये सर्टिफिकेट्स बयान करेंगे.

DNA ANALYSIS: धर्मांतरण के 32 सर्टिफिकेट से खुलासा, समझिए कैसे विदेशी फंडिंग से हो रहा भारत में धर्म परिवर्तन

नई दिल्ली: आज हम आपको बताएंगे कि धर्म परिवर्तन के रैकेट की जड़ें कैसे भारत के आधे से ज्यादा राज्यों में फैली हुई हैं. हमें पता चला कि दिल्ली के जामिया नगर से ऑपरेट होने वाले इस जेहादी गैंग ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड में बड़े पैमाने पर हिंदुओं का ब्रेन वॉश करके या लालच देकर उन्हें इस्लाम कबूलने पर मजबूर किया है और आज हमें धर्म परिवर्तन के 32 और नए प्रमाणपत्र मिले हैं और हैरानी की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर हिंदू लड़कियां हैं. 

धर्मांतरण के 32 सर्टिफिकेट 

मेरे हाथ में इस समय एक दो नहीं बल्कि 32 ऐसे प्रमाणपत्र हैं, जिनसे पता चलता है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इस गैंग ने हिंदू धर्म के लोगों का इस्लाम धर्म में परिवर्तन कराया और ये बात आज हम सबूतों के साथ कह रहे हैं.

आपको याद होगा हमने आपको 22 साल के मन्नू यादव की कहानी बताई थी, जो मूक-बधिर है यानी न बोल सकता है और न सुन सकता है, लेकिन उसे इन लोगों ने मन्नू यादव से अब्दुल मन्नान बना दिया और आज हमारे पास मन्नू यादव जैसी 32 और नई कहानियां हैं और ये कहानियां आज ये सर्टिफिकेट्स बयान करेंगे.

मेरे हाथ में इस समय 32 कन्वर्शन सर्टिफिकेट यानी धर्म परिवर्तन के प्रमाणपत्र हैं. इनमें से 26 प्रमाणपत्र ऐसे हैं, जिनमें धर्म परिवर्तन की तारीख, इस प्रमाण पत्र को जारी करने की तारीख या दोनों ही नहीं लिखी हैं.

इसके अलावा दो सर्टिफिकेट ऐसे हैं, जिनमें धर्म परिवर्तन करने वालों का सिर्फ नाम और मोबाइल नंबर लिखा गया है और बाकी कोई जानकारी नहीं है

जैसे ये सर्टिफिकेट है, इसमें लिखा है कि सीमा कुमारी ने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार किया, लेकिन प्रमाणपत्र में लिखा है कि धर्म बदलने के बाद इसका नाम श्याम लाल हो गया. अब इससे ये भी समझना मुश्किल है कि ये महिला है कि पुरुष. 

सबसे बड़ी बात, इसमें पीछे दो लोगों का पता लिखा गया है, जिनमें एक व्यक्ति का नाम मोहम्मद तलत बताया गया है और उसका घर शाहीन बाग में बताया गया है और दूसरे व्यक्ति का नाम तनवीर इकबाल बताया गया है और इसके घर का पता भी शाहीन बाग ही लिखा है.

शाहीन बाग से जामिया नगर की दूरी सिर्फ 650 मीटर है. यानी चार मिनट में कोई भी शाहीन बाग से जामिया नगर पहुंच सकता है.

इसके अलावा इनमें 4 प्रमाणपत्र ऐसे हैं, जिनमें प्रमाणपत्र जारी करने की तारीख और धर्म परिवर्तन की तारीख पर फिर से पेन चलाया गया है. मतलब ऐसा लगता है कि बाद में इन तारीखों से छेड़छाड़ की कोशिश की गई.

एक धर्म परिवर्तन की पहले से लिखी तारीख पर पेन चला कर 20 को काटा गया है और आगे 12 लिखा गया है और ये सर्टिफिकेट 32 साल की चंद्र कला नाम की एक महिला का है, जो धर्म परिवर्तन के बाद चंद्र कला से कनीज फातीमा बन गई. एक और बात, इस प्रमाणपत्र में लिखा है कि इस हिंदू महिला के परिवारवाले लखनऊ में रहते हैं, लेकिन उसका वर्तमान पता दिल्ली का जामिया नगर बताया गया है.

हिंदुओं का बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन 

ये वही जामिया नगर है, जहां Islamic Dawah Center का दफ्तर है, जिसने ये सारे प्रमाणपत्र जारी किए हैं और हिंदुओं का बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन किया है. सोचिए ये मामला कितना गंभीर है. इन सर्टिफिकेट्स का अध्ययन करने पर कुछ और चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. जैसे इन 32 में से 3 प्रमाणपत्र ऐसे हैं, जिनमें धर्म परिवर्तन करने वालों ने अपना वर्तमान पता तो दिल्ली का जामिया नगर बताया है, लेकिन वो हैं दूसरे राज्यों से.

एक सर्टिफिकेट 5 जनवरी 2020 को जारी हुआ और इसमें लिखा है कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला प्रवीण कुमार, अब्दुल समद उमर बन गया है और इसने अपना वर्तमान पता Islamic Dawah Center को ही बताया है.

एक प्रमाणपत्र आज से 14 दिन पहले ही 8 जून को जारी हुआ था और इसमें लिखा है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला नवीन नवेद अहमद बन गया है, लेकिन इसने भी अपना मौजूदा पता जामिया नगर ही बताया है, जहां Islamic Dawah Center का दफ्तर है और हम आपको बता चुके हैं कि ये वही संस्था है, जो धर्म परिवर्तन करा रही थी.

कन्वर्शन के बाद अब इन्हीं लोगों के स्टेटमेंट लेटर्स भी सामने आए हैं. सोचिए, धर्म जेहाद करने वाले इन लोगों ने जिनका धर्म परिवर्तन कराया, उनसे इस तरह के स्टेटमेंट लेटर्स पर हस्ताक्षर भी करवा लिए और उनका अंगूठा भी लगवाया. सबसे अहम इनमें से कुछ पत्रों में एक लाइन प्रमुख रूप से लिखी गई है। इनमें लिखा है कि There is No God But Allah and Mohmmad is The Messenger of Allah. 

हिंदी में इसका अर्थ हुआ, यहां अल्लाह के सिवा कोई ईश्वर नहीं है और मोहम्मद साहब अल्लाह के दूत हैं.

अब यही बात मन्नू यादव के कन्वर्शन सर्टिफिकेट पर भी लिखी है, जो Islamic Dawah Center ने जारी किया था.

कहने का मतलब ये है कि जिन बातों को इन पत्रों में इन लोगों की राय बताया गया है, वो बातें धर्म परिवर्तन कराने वाले इस जेहादी गैंग की हैं.

यहां जो बात समझने वाली बात है, वो ये कि इस संस्था ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड के लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया, लेकिन ये सभी धर्म परिवर्तन दिल्ली में हुए और जामिया नगर की इसी इस्लामिक संस्था के द्वारा कराए गए और इन सभी पर एक काजी मुफ्ती जहांगीर आलम का नाम लिखा है, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

इस मामले में जो मुख्य आरोपी है उसका नाम उमर गौतम है. ये वही उमर गौतम है, जो पहले खुद हिंदू था लेकिन बाद में मुसलमान बन गया. आज हमें उमर गौतम का एक वीडियो भी मिला है, जिसमें वो बता रहा है कि कैसे उसने एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का इस्लाम धर्म में परिवर्तन कराया.

धर्म परिवर्तन कराने के लिए दूसरे देशों से फंडिंग 

आज हमें ये जानकारी भी मिली है कि जामिया नगर की इस इस्लामिक संस्था को हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने के लिए दूसरे देशों से भी फंडिंग मिल रही थी. हमें पता चला है कि Islamic Dawah Center को इस्लामिक देश यूएई, कतर और कुवैत के कुछ NGO द्वारा फंडिंग की गई और ये पैसा सीधे Islamic Dawah Center के पास नहीं आया, बल्कि ये पैसा भारत के ही अलग अलग राज्यों के NGOs के बैंक खातों में पहुंचा. आज हमने इनकी भी एक सूची निकाली है.

इन देशों से दिल्ली के फातिमा चैरिटेबल फाउंडेशन, लखनऊ के अल हसन एजुकेशनल एंड वेलफेयर फाउंडेशन, फरीदाबाद के मेवात ट्रस्ट फॉर एजुकेशनल वेलफेयर, मुंबई के मरकाज़ुल मारीफ़ और दिल्ली के ह्यूमन सॉलिडैरिटी फाउंडेशन के पास पैसा पहुंचा और फिर ये पैसा Islamic Dawah Center को धर्म परिवर्तन के लिए दिया गया.

उत्तर प्रदेश पुलिस की पूछताछ में ये बात भी सामने आई है कि असम की राजनीतिक पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट से भी इस संस्था को फंडिंग की गई थी और ये वही पार्टी है, जिसके अध्यक्ष बदरूद्दीन अजमल हैं और अगर ये आरोप सही हैं, तो ये जानकारी काफी चौंकाने वाली है.

यहां एक और बात जो हम आपको बताना चाहते हैं, वो ये कि Islamic Dawah Center का कनेक्शन कतर के जिस इस्लामिक ऑनलाइन विश्वद्यालय से होने की बात कही जा रही है, उसका मुखिया Abu Ameenah Bilal Philips हैं.

बिलाल फिलिप्स वही मुस्लिम धर्मगुरु हैं, जिसे जाकिर नाइक का सहयोगी माना जाता है. जाकिर नाइक पर आरोप है कि उसने भारत में रहते हुए भड़काऊ भाषण दिए थे, आतंकी गतिविधि में शामिल होने के लिए युवाओं को भड़काया था और इन्हीं आरोपों की वजह से वो भारत छोड़कर मलेशिया भाग गया था और इस समय कई देशों ने जाकिर नाइक की एंट्री पर बैन लगाया हुआ है.

यानी धर्म परिवर्तन के इस जेहाद के तार अब जाकिर नाइक से भी जुड़ने लगे हैं.

आज हम आपसे यही कहना चाहते हैं कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन हम जबरदस्ती या लालच देकर सुनियोजित रूप से कराए गए धर्म परिवर्तन का विरोध करते हैं.

Trending news