DNA Analysis: मिट्टी से नाम कमाया, मिट्टी में मिला दिया; सुशील को ले डूबा उसका घमंड
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DNA Analysis: मिट्टी से नाम कमाया, मिट्टी में मिला दिया; सुशील को ले डूबा उसका घमंड

देश के राष्ट्रीय हीरो से खलनायक बने पहलवान सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) का मामला लगातार सुर्खियों में है. देश के हीरो बनने के बाद अब वे सबसे बड़े विलेन बन चुके हैं.

DNA Analysis: मिट्टी से नाम कमाया, मिट्टी में मिला दिया; सुशील को ले डूबा उसका घमंड

नई दिल्ली: देश के राष्ट्रीय हीरो से खलनायक बने पहलवान सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) का मामला लगातार सुर्खियों में है. सागर धनखड़ मर्डर मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम लगातार सुशील से पूछताछ कर रही है. 

  1. पर्यवेक्षक पद पर नियुक्ति से उठे थे सवाल
  2. बिना लड़े तीन बार बन गए नेशनल चैंपियन
  3. साथी पहलवानों ने छोड़ दिया छत्रसाल स्टेडियम

नियुक्ति पर उठे थे सवाल

सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) की राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में हुई नियुक्ति पर वर्ष 2017 में कई गंभीर सवाल उठे थे. सुशील कुमार के प्रतिद्वंद्वी पहलवान नरसिंह यादव ने खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सुशील कुमार की राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में हुई नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी. 

तब नरसिंह यादव ने ये सवाल भी किया था कि कैसे सुशील कुमार को रियो ओलम्पिक्स से पहले तोड़फोड़ के आरोपों के बावजूद पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया? इस नियुक्ति ने सुशील कुमार को गम्भीर सवालों के बीच ला खड़ा किया. लेकिन वो तमाम सवालों को नज़रअन्दाज़ करते हुए आगे बढ़ गए. जैसा कि वो पहले भी करते रहे थे. 

बिना लड़े तीन बार बन गए नेशनल चैंपियन

सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) को नैशनल चैंपियन बनाने के लिए तीन बार गोल्ड मैडल जितने से पहले वॉक ओवर मिल गए थे. यानी बिना कोई बाउट लड़े सुशील तीन बार गोल्ड मैडल जीत गए थे. कहा तो यहां तक जाता है कि सुशील कुमार को ये जीत प्रदर्शन के आधार पर नहीं बल्कि राजनीतिक प्रभाव के कारण मिली थी.

देखें वीडियो- 

2018 राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान, जब सुशील कुमार ने फाइनल में प्रवीण राणा को हराया. तब प्रवीण राणा ने ये आरोप लगाया था कि सुशील के समर्थकों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी.

साथी पहलवानों ने छोड़ दिया छत्रसाल स्टेडियम

सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) का पहलवान योगेश्वर दत्त के साथ भी झगड़ा हुआ था, जिन्होंने लंदन ओलंपिक में उनके साथ देश के लिए कांस्य पदक जीता था. योगेश्वर दत्त छत्रसाल स्टेडियम में ही ट्रेनिंग करते थे लेकिन सुशील कुमार से विवाद की वजह से लंदन ओलंपिक के बाद उन्होंने छत्रसाल स्टेडियम छोड़ दिया.

योगेश्वर के अलावा, अन्य पहलवानों, जितेंद्र कुमार और प्रवीण ने भी छत्रसाल स्टेडियम को छोड़ दिया. इनके अलावा वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले पहलवान बजरंग पुनिया ने भी विवाद की वजह से छत्रसाल स्टेडियम छोड़ दिया.

कोच भी सुशील के व्यवहार से तंग रहे

सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) का विवाद साथी पहलवानों के अलावा कोचों के साथ भी हुआ. उनके व्यवहार से तंग आकर कई कोच छत्रसाल स्टेडियम छोड़ कर चले गए. कोच रामफल लंदन ओलंपिक के बाद छत्रसाल स्टेडियम से चले गए. वहीं 6 महीने पहले सुशील कुमार के खास माने जाने वाले वीरेंद्र सिंह भी विवादों की वजह से सुशील कुमार से दूर हो गए. 

वर्ष 2019 की वर्ल्ड चैंपियनशिप के ट्रायल बाउट के दौरान सुशील कुमार पर पहलवान जीतेंद्र की आंख में जानबूझकर घूंसा मारने का आरोप लगा था. 2019 में इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुए ट्रायल के फाइनल में जितेंद्र का सामना सुशील से हुआ था. बाउट के दौरान सुशील ने कथित तौर पर पहले जितेंद्र की उंगली घुमाई, फिर उनकी बाईं आंख पर मुक्का मार दिया.

अहंकार ने सुशील को पटक दिया

ये वो तमाम घटनाएं हैं, जो लक्षण के रूप में सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) को चुनौती दे रही थीं. लेकिन उन्होंने कभी इन चुनौतियों को गंभीरता से नहीं लिया. शायद यही वजह है कि जहां पहले उनका नाम प्रतिष्ठित मेडलों से जुड़ता था, अब वही नाम मर्डर से जुड़ गया है. सही मायने में सुशील कुमार कैसे अपने अहंकार से कुश्ती लड़ रहे थे और इसी अहंकार ने अपने दांव पेंच से उन्हें जिंदगी के अखाड़े में उठा कर पटक दिया .

सुशील कुमार इकलौते ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं, जो नाम बनाने के बाद बदनाम हो गए. ऐसे खिलाड़ियों की सूची आज भी बहुत लंबी है. हम आपको ऐसे ही पांच बड़े खिलाड़ियों के नाम बताते हैं.

इनमें पहले खिलाड़ी हैं डिएगो माराडोना. वे फुटबॉल के सबसे करिश्माई खिलाड़ियों में से एक थे. वर्ष 1986 में उन्होंने Argentina को FIFA World Cup जिताया था. इस उपलब्धि के 6 वर्षों के बाद ही उन्हें वर्ष 1992 में Drugs लेने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया.

पार्टनर की गोली मारकर हत्या की

दूसरे खिलाड़ी हैं Oscar Pistorius. वे दक्षिण अफ्रीका के पैरा ऐथलीट हैं. उन्होंने वर्ष 2004, 2008 और 2012 में दक्षिण अफ्रीका को पैरा ओलम्पिक्स में गोल्ड मेडल दिलाया. इस उपलब्धि के अगले वर्ष ही उन्होंने अपनी पार्टनर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. यानी जिन हाथों ने कभी मेडल उठाए थे, उन्हीं हाथों में उन्होंने अपनी पार्टनर की हत्या कर दी.

तीसरे खिलाड़ी हैं Mike Tyson, जिन्हें दुनिया के सबसे महान Boxers की सूची में जगह मिली. उनकी प्रतिभा को देखते हुए लोग उन्हें 'Iron Mike' और 'Kid Dynamite' भी कहते थे. वर्ष 1986 में वो इतिहास में दुनिया के सबसे युवा Heavy Weight चैम्पियन बने थे. 

वर्ष 1989 में उन्होंने Boxing के पूर्व चैम्पियन Michael Spinks को एक ऐतिहासिक मैच में सिर्फ 90 सेकेंड में नीचे गिरा दिया था. Boxing में इसे Knockout कहते हैं. लेकिन इस उपलब्धि के दो वर्ष के बाद ही उन पर वर्ष 1991 में अमेरिका में एक 18 वर्ष की Beauty Contestant के रेप का आरोप लगा. तब इस मामले में अदालत ने उन्हें दोषी पाया था और 6 साल की सजा सुनाई थी.

बाल यौन शोषण के दोषी पाए गए

चौथे खिलाड़ी हैं Adam Johnson. वे England के मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी हैं. वे Manchester सिटी और Sunderland जैसे मशहूर फुटबॉल क्लब की तरफ से भी खेल चुके है. वर्ष 2016 में वो बाल यौन शोषण के दोषी पाए गए और उन्हें 3 साल की सज़ा हुई.

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पांचवें खिलाड़ी हैं Klete Keller. वे Swimming में अमेरिका के लिए दो बार ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. इसी साल 6 जनवरी को अमेरिका के Capitol Hill में हुई हिंसा के लिए FBI ने उन्हें आरोपी बनाया है और दंगे भड़काने जैसे गम्भीर आरोप हैं. उनके ख़िलाफ़ मुकदमा अभी चल रहा है.

नाम को बरकरार नहीं रख पाए सुशील कुमार

इसके अलावा ये सूची और भी लंबी है. इनमें भारत के पूर्व ऐथलीट पान सिंह तोमर भी हैं, जो बाद में एक डकैत बन गए थे. हमने आपको इन खिलाड़ियों के नाम इसलिए बताए ताकि आप समझ सकें कि नाम बनाना मुश्किल नहीं है बल्कि उस नाम को बरकरार रखना मुश्किल है. जिसमें सुशील कुमार भी फेल हो गए.

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