Driving Test Rules in Delhi: दिल्ली (Delhi) में ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) पास करना अब लोगों के लिए आसान हो जाएगा. दिल्ली सरकार ने इस टेस्ट में सुधार करते हुए 5 बड़े फेरबदल कर दिए हैं.
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Driving Test Rules in Delhi: दिल्ली (Delhi) में ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) बनवाने के लिए पहुंचने वाले लोग बड़ी संख्या में फेल हो रहे थे. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अब ड्राइविंग टेस्ट के नियमों को उदार बनाते हुए कई फेरबदल किए हैं. साथ ही ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे टेस्ट लेने से पहले आवेदक को नियम-कानूनों के बारे में अच्छी तरह से समझाएं, जिससे वे जानकारी के अभाव में फेल न हो सकें.
अब आवेदकों को दी जाएगी नियमों की जानकारी
रिपोर्ट के मुताबिक पहले ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) के लिए बिना सीट बेल्ट लगाए गाड़ी लेकर पहुंचे लोगों को फेल घोषित कर दिया जाता था. अब नए नियमों के तहत उन्हें टेस्ट शुरू करने से पहले सीट बेल्ट लगाने के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसी तरह यलो लाइन टच कर जाने और दोपहिया चलाते वक्त पैर नीचे टिक जाने पर फेल घोषित कर दिया था. लेकिन ये प्रावधान हटा लिए गए हैं.
पार्किंग के लिए समय बढ़ाया गया
इसके साथ ही समानांतर पार्किंग के लिए पहले 120 सेकंड यानी दो मिनट का समय निर्धारित था. वहीं अब इसे बढ़ाकर 150 सेकंड यानी ढाई मिनट कर दिया गया है. गाड़ी के रिवर्स टेस्ट के लिए पहले 180 सेकंड यानी 3 मिनट का समय निर्धारित था. जबकि अब यह समय बढ़ाकर 200 सेकंड कर दिया गया है.
बताते चलें कि दिल्ली में ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) लेने के लिए 15 ट्रैक हैं. इसके साथ ही 13 ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक हैं. इन ट्रैक पर रोजाना करीब 250 लोग अपना ड्राइविंग टेस्ट देने पहुंचते हैं. इनमें से अब तक 40 प्रतिशत लोग फेल हो रहे हैं. दिल्ली सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में लोगों के फेल होने का कारण जानने के लिए समिति बनाई थी. जिसकी सिफारिशें 8 अगस्त से लागू कर दी गई हैं.
विभाग में बढ़ती जा रही थी पैंडेंसी
इस ड्राइविंग टेस्ट (Driving Test) में कुल 6 सेक्शन होते हैं. इसमें ड्राइवर को 8 अलग-अलग फॉर्मेशन में ड्राइविंग करने, सामने वाले को ओवरटेक करने, रैंप पर रुकने, ट्रैफिक जंक्शन पर ठहरने, बिना पीछे खिसके गाड़ी को आगे बढ़ाने, 90 सेकंड में पार्किंग और 120 सेकंड में S फॉर्मेशन में पार्किंग शामिल है. लोगों के इन टेस्ट में फेल होने पर उन्हें रि-टेस्ट के लिए अगले सप्ताह की तारीख दी जाती थी. जिससे विभाग में पैंडेंसी बढ़ती जा रही थी. अब सरकार ने इस समस्या का उपाय निकाल लिया है.
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