दिल्ली: यमुना नदी या तालाबों में नहीं होगा दुर्गा मूर्ति विसर्जन, DPCC ने जारी किया आदेश
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दिल्ली: यमुना नदी या तालाबों में नहीं होगा दुर्गा मूर्ति विसर्जन, DPCC ने जारी किया आदेश

दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (DPCC) के आदेश के बाद दुर्गा पूजा पंडाल (Durga Puja Pandal) में लगने वाली बड़ी मूर्ति से लेकर आम लोगों के घरों में स्थापित की गई छोटी मूर्ति घरों में ही विसर्जित करनी होंगी.

सार्वजनिक जगह पर दुर्गा मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Festival) से पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने किसी भी सार्वजनिक जगह पर दुर्गा मूर्ति विसर्जित (Durga Idol Immersion) करने से रोक लगा दी है और लोगों से कहा कि वे अपने घरों में ही बाल्टी या कंटेनर में मूर्ति विसर्जन करें. समिति ने कहा है कि नदियों और झीलों में होने वाला प्रदूषण चिंता का विषय है और इसी कारण विसर्जन पर रोक लगाई गई है.

  1. यमुना नदीं में नहीं होगा दुर्गा मूर्ति का विसर्जन
  2. तलाबों में भी दुर्गा मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं
  3. डीपीसीसी ने कहा कि नदियों और झीलों में प्रदूषण चिंता का विषय

यमुना नदीं में नहीं होगा विसर्जन

दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) ने आदेश जारी कर कहा है कि दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक जगह पर दुर्गा मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं होगी. इसके बाद इस बार ना यमुना नदी में देवी दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन होगा और ना ही किसी तालाब/घाट या अन्य किसी सार्वजनिक स्थल पर विसर्जन करने की अनुमति होगी. दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी के इस आदेश के बाद दुर्गा पूजा पंडाल में लगने वाली बड़ी मूर्ति से लेकर आम लोगों के घरों में स्थापित की गई छोटी मूर्ति घरों में ही विसर्जित करनी होंगी.

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वेस्ट कलेक्ट करने वालों को दें पूजा सामग्री

इसके साथ ही पूजा सामग्री, फूल और सजावट की चीजों को भी नदी और तलाबों में फेंकने की अनुमति नहीं है. डीपीसीसी ने कहा कि सजावट और अन्य सामान मूर्ति विसर्जन से पहले हटा लें और घर-घर जाकर वेस्ट कलेक्ट कर रहे लोगों को दे दें ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे. इससे पहले एनजीटी ने यमुना नदी में प्रदूषण रोकने के लिए मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई थी, जिसके बाद दिल्ली सरकार कई जगह पार्क या तालाब में व्यवस्था करके मूर्ति विसर्जन करवाती थी.

पीओपी से बनी मूर्तियों से प्रदूषित होता है पानी

डीपीसीसी ने कहा है कि प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्ति बनाने के बजाय पारंपरिक मिट्टी जैसी प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए. उसने कहा कि पीओपी से बनी मूर्तियों पर लगाए गए रसायनिक रंगों और पेंट के कारण जलीय जीवों के जीवन पर बेहद हानिकारक प्रभाव पड़ता है. डीपीसीसी ने कहा कि मूर्तियों को रंगे जाने के लिए केवल पानी में घुलनशील और गैर विषैले प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए. डीपीसीसी ने इन निर्देशों के साथ ही संबंधित एजेंसियों को हर शुक्रवार को नियमों का उल्लंघनों करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है.

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