दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों में भीम आर्मी का भी कनेक्शन सामने आ रहा है. यही नहीं, भीम आर्मी (Bhim Army) के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण का विवादित संगठन पीएफआई (PFI) के साथ भी जुड़ाव मिला है, जिसके बाद ईडी उनके पीएफआई लिंक की जांच कर रही है.
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नई दिल्ली: दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों में भीम आर्मी का भी कनेक्शन सामने आ रहा है. यही नहीं, भीम आर्मी (Bhim Army) के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण का विवादित संगठन पीएफआई (PFI) के साथ भी जुड़ाव मिला है, जिसके बाद ईडी उनके पीएफआई लिंक की जांच कर रही है. पीएफआई वही संगठन है, जिसपर सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान दंगे कराने का आरोप है.
पीएफआई-भीम आर्मी में आर्थिक रिश्ते?
पीएफआई यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) एक बदनाम संगठन रहा है. कुछ समय पहले नॉर्थ और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शन (Anti CAA Protests) दंगे में बदल गए थे. आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान दंगे फैलाने के लिए पीएफआई को विदेशी मदद मिली. जिसकी जांच ईडी कर रही है, लेकिन अब पीएफआई के नेता भीम आर्मी के मुखिया के भी संपर्क में रहे बताए जा रहे हैं. ऐसे में दिल्ली दंगों के पीछे भीम आर्मी के कनेक्शन की भी जांच हो रही है.
हाथरस कांड से भी जुड़े तार
ईडी को भीम आर्मी और पीएफआई के बीच आर्थिक रिश्तों के सबूत मिले जिसके तार हाथरस कांड से भी जुड़ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक ईडी को जो साक्ष्य मिले हैं उनसे पता चलता है कि हाथरस कांड (Hathras Case) के माध्यम से प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने की साजिश हो रही थी.
जांच के लिए तैयार: भीम आर्मी
इस मामले पर एक तरफ पीएफआई ने सफाई दी है कि वो किसी भी तरह के गलत काम में शामिल नहीं है. तो वहीं भीम आर्मी का कहना है कि वो किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
पीएफआई के चार सदस्य हाथरस जाते समय हुए थे गिरफ्तार
इससे पहले यूपी पुलिस ने पीएफआई के चार सदस्यों को मथुरा (Mathura) से भी गिरफ्तार किया था. जिनपर हाथरस कांड के समय जातीय हिंसा फैलाने का आरोप है. फिलहाल PFI के ये चारों सदस्य मथुरा जेल में बंद हैं.
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