INS Arnala: इस युद्धपोत को साइलेंट शिप भी कहते हैं क्योंकि यह पानी में आवाज नहीं करती. तटीय इलाकों की पेट्रोलिंग और दुश्मन की पनडुब्बियों की खोज और जरुरत पड़ने पर उन्हें नष्ट करने के काम में आता है.
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Indian Navy: भारतीय नौसेना बेड़े की ताकत जल्द ही बढ़ने वाली है. देश के पहले एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट आईएनएस अर्णाला लॉन्च हुआ है. मंगलवार को रक्षा मंत्रालय की वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) रसिका चौबे ने आईएनएस अर्णाला को लॉन्च किया. इस अवसर पर जीआरएसई एवं भारतीय सशस्त्र बलों, और एलएंडटी के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे आईएनएस अर्णाला का निर्माण गार्डनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) द्वारा किया गया है.
इसे जहाज को साइलेंट शिप भी कहते हैं क्योंकि यह पानी में आवाज नहीं करती. तटीय इलाकों की पेट्रोलिंग और दुश्मन की पनडुब्बियों की खोज और जरुरत पड़ने पर उन्हें नष्ट करने के काम में आता है.
आईएनएस अर्णाला की खासियतें: -
-आईएनएस अर्णाला की लंबाई 77.6 मीटर और चौड़ाई 10.5 मीटर है.
-खोजी और हमला करने वाले मिशन के लिए एकदम उपयुक्त है.
-नेवी और एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट्स के साथ तालमेल में एंटी-सबमरीन ऑपरेशंस करने में सक्षम.
-कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम है और हल्के टॉरपीडोस, एंटी-सबमरीन रॉकेट्स से लैस.
-7 अधिकारियों के साथ 57 नौसैनिक हो सकते हैं तैनात.
-47किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से चल सकती है.
-इसका नाम महाराष्ट्र के वसई से 13 किलोमीटर उत्तर में अर्णाला द्वीप पर रखा गया है. इस द्वीप को छत्रपति शिवाजी का गढ़ माना जाता था.
बता दें नौसेना ऐसे 16 कॉर्वेट्स बनवा रही है. इन सभी के 2026 के अंत तक मिलने की उम्मीद है. इन्हें बनाने की कुल लागत 12,662 करोड़ रुपये है. भारत के पास कमोर्ता क्लास, कोरा क्लास, खुकरी क्लास, वीर क्लास और अभय क्लास के कुल मिलाकर 22 कॉर्वेट्स हैं.
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