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नई दिल्ली. हिंदी की प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी का सोमवार को हरियाणा के गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनकी उम्र 90 साल थी. मन्नू भंडारी ने ‘महाभोज’ और ‘आपका बंटी’ जैसे प्रसिद्ध उपन्यासों की रचना की थी. वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं.
भंडारी की बेटी रचना यादव ने बताया कि वे करीब 10 दिन से बीमार थीं. उनका हरियाणा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां सोमवार दोपहर को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका जन्म मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गांव में 3 अप्रैल, 1931 को हुआ था. हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि लेखिका के निधन की वजह क्या थी. उनकी पहचान पुरुषवादी समाज पर चोट करने वाली लेखिका के तौर पर होती थी.
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मन्नू भंडारी प्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र यादव की पत्नी थीं. उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज में बतौर टीचर अपनी सेवाएं दीं. हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए लोग उन्हें याद करते हैं. ‘मैं हार गई’, ‘तीन निगाहों की एक तस्वीर’, ‘एक प्लेट सैलाब’, ‘यही सच है’, ‘आंखों देखा झूठ’, ‘त्रिशंकु’ और ‘आपका बंटी’ जैसी कालजयी रचनाएं लिखी हैं.
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उनकी लिखी किताबों पर फिल्में भी बनी हैं. उनकी कहानी ‘यही सच है’ पर 1974 में ‘रजनीगंधा’ फिल्म बनाई गई. बासु चटर्जी ने इस फिल्म को बनाया था. मन्नू भंडारी की निधन की खबर सुनकर सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले लोगों का तांता लग गया है. रचना ने बताया कि मन्नू भंडारी का अंतिम संस्कार मंगलवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा.
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