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नई दिल्ली. दिल्ली एनसीआर के इलाकों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम हॉम पर विचार करने को कहा है. इससे पहले शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि अगर जरूरत पड़े तो दो दिन का लॉकडाउन लगा दें. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने शनिवार को आपात बैठक बुलाई. बैठक के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल हफ्ते भर के लिए स्कूल-कॉलेज बंद करने की बात कही.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान कहा कि दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में सरकारें वर्क फ्रॉम पर विचार करें. इसके बाद केंद्र ने कल की आपात बैठक में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मुख्य सचिवों को उपस्थित रहने को कहा है. इस मामले पर कोर्ट ने 17 नंवबर तक सुनवाई स्थगित कर दी है.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से 24 घंटे के भीतर एक कार्य योजना मांगी है, जिसमें वाहनों के यातायात, निर्माण कार्य, पराली जलाने, भारी वाहनों का प्रवेश, धूल, बिजली संयंत्रों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए टास्क फोर्स द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण देने को कहा गया है. मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से पेश वकील से कहा कि कल शाम तक एक एक्शन प्लान की आवश्यकता है. इसके लिए एक बैठक करें.
पीठ में न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और सूर्य कांत भी शामिल थे. केंद्र के हलफनामे के मुताबिक, कोर्ट ने बताया कि दिल्ली में 76 फीसदी प्रदूषण धूल, परिवहन और इंड्रस्टी की वजह से होता है. केंद्र सरकार की तरफ से पेश वकील तुषार मेहता ने कहा कि कल की बैठक का परिणाम यह है कि हमने उनसे कहा है कि राज्य सरकारों को GRAP उपायों को लागू करने के लिए तैयार रहना चाहिए. सड़क की धूल, प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है. सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. दिल्ली सरकार के उपायों के कारण बदरपुर पहले से ही बंद है. हमने इसे बंद करने का निर्देश नहीं दिया था. उन्होंने कहा, पार्किंग शुल्क बढ़ाया जाए. डीजल जेनरेटर का प्रयोग बंद करें. लैंडफिल में कूड़ा जलाना बंद हो.
शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि वह वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकारों की मंगलवार को एक आपात बैठक बुलाए. कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा कि वे किसानों के खिलाफ कार्रवाई न करें, बल्कि उन्हें पराली जलाने से रोकने के लिए राजी करें.
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लॉकडाउन लगाने को भी तैयार है दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम लॉकडाउन लगाने को भी तैयार हैं, लेकिन इसके लिए केन्द्र सरकार को भी आगे आना होगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि हमारा काम ये बताना नहीं है कि आप कैसे करेंगे. प्रदूषण कंट्रोल होना चाहिए बस. इस बीच, केंद्र सरकार ने कहा कि वो दिल्ली में लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार को दो उपायों पर सोचना था, ऑड-ईवन और दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन. लॉकडाउन लगाना कड़ा कदम होगा.
(इनपुट- IANS)
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