कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) दिल्ली के सीमाओं पर जारी रहेगा या नहीं? इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अहम सुनवाई होगी.
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नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार 21वें दिन भी जारी है और किसान कानूनों की वापसी के लिए दिल्ली की तमाम सीमाओं पर जमे हुए हैं. इस बीच किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) की वजह से हो रही परेशानी के खिलाफ दायर याचिका पर आज (बुधवार) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अहम सुनवाई होगी.
किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 3 याचिकाएं दायर की गई हैं. इन याचिकाओं पर आज चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच सुनवाई करेगी. कानून के छात्र ऋषभ शर्मा द्वारा दायर याचिका में दिल्ली के सीमाओं से किसानों को हटाने की मांग की गई है और कहा गया है कि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं. इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस बाधित हो रही है. याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को सरकार द्वारा आवंटित तय स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. एक अन्य याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को किसानों की मांग पर विचार करने का निर्देश दे.
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नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन पिछले 21 दिनों से लगातार जारी है. किसानों ने आज उन सभी किसानों को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है, जिन्होंने आंदोलन में अपनी जान गंवाई. इस बीच किसानों ने दोबारा से चिल्ला बॉर्डर के जाम करने की चेतावनी दी है.
किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के एक हिस्से ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से मुलाकात की. मंगलवार को किसान आंदोलन के बीच कृषि मंत्री ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है. हालांकि दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने इस खबर के जवाब में कहा कि वो कौन थे, जो कृषि मंत्री से मिले हैं और अगर किसी ने बात की है तो वो घर जा सकते हैं. किसान नेता ने ये भी कहा कि सरकार को MSP पर कानून बनाना ही पड़ेगा.
दिल्ली की ठंड अब आंदोलन में शामिल किसानों के लिए धीरे धीरे परेशानी बन रही है. किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले बुजुर्ग किसानों के लिए दिल्ली की ठंड मुसीबत बन गई है. दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बॉर्डर पर लगने वाले मेडिकल कैंपों मे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कई जगहों पर अलग अलग NGO और सरकार द्वारा मेडिकल कैंप लगाए गए हैं.
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