Prabhunath Singh Case: आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह दोषी करार, 1 सितंबर को सजा पर होगी बहस
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Prabhunath Singh Case: आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह दोषी करार, 1 सितंबर को सजा पर होगी बहस

Prabhunath Singh Conviction: प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जिस केस में हाईकोर्ट प्रभुनाथ सिंह को बरी कर चुका था, उसी केस में प्रभुनाथ सिंह को सर्वोच्च अदालत ने दोषी करार दिया है.

Prabhunath Singh Case: आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह दोषी करार, 1 सितंबर को सजा पर होगी बहस

Masrakh Double Murder Case: सुप्रीम कोर्ट (SC) ने आज (शुक्रवार को) राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) को 1995 के एक डबल मर्डर मामले (Double Murder Case) में दोषी करार दे दिया है. इस केस में निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को इस केस में बरी कर दिया था. हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट में प्रभुनाथ सिंह को दोषी पाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को होने वाली सुनवाई में प्रभुनाथ सिंह को पेश करने के लिए कहा है. इसके लिए बिहार के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को निर्देश दिए हैं. उस दिन सुनवाई में प्रभुनाथ सिंह की सजा पर बहस होगी.

क्या है मसरख डबल मर्डर केस?

बता दें कि ये केस 1995 के चुनाव में छपरा के मसरख में दारोगा राय और राजेंद्र राय के मर्डर से जुड़ा हुआ है. जानकारी के मुताबिक, इन दोनों की प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं करने पर हत्या कर दी गई थी. ये हत्याकांड काफी चर्चा में रहा था. दोषी करार दिए जाने के बाद प्रभुनाथ सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

हाईकोर्ट का फैसला पलटा

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एएस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने हाईकोर्ट के निर्णय को पलटते हुए पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ काफी सबूत हैं. हालांकि, इस मामले में बाकी आरोपियों को रिहाई को सर्वोच्च अदालत ने सही कहा है.

किस केस में सजा काट रहे प्रभुनाथ?

जान लें कि प्रभुनाथ सिंह फिलहाल जेल में बंद हैं. वो एक अन्य मर्डर केस में सजा काट रहे हैं. 1995 में हुई विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में प्रभुनाथ सिंह को ट्रायल कोर्ट ने दोषी करार देकर सजा दी थी. चुनाव रंजिश में अशोक सिंह की हत्या की गई थी. गौरतलब है कि प्रभुनाथ सिंह साल 1995 में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हुए थे. हालांकि, बाद में उन्होंने जेडीयू का दामन थाम लिया था. हालांकि, 2010 में वे फिर से आरजेडी में शामिल हो गए थे.

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