CDS की नियुक्ति को लेकर चार सदस्यीय समिति का गठन, 90 दिन में देगी रिपोर्ट
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CDS की नियुक्ति को लेकर चार सदस्यीय समिति का गठन, 90 दिन में देगी रिपोर्ट

यह समिति सीडीएस की भूमिका, दायित्व और शक्तियों के बारे में रूपरेखा तय करेगी. 

CDS की नियुक्ति को लेकर चार सदस्यीय समिति का गठन, 90 दिन में देगी रिपोर्ट

नई दिल्ली: रक्षामंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CHIEF OF DEFENCE STAFF) यानी सीडीएस की नियुक्ति का मसौदा तय करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है. 

इस समिति को 90 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी. इसमें रक्षा सचिव और चीफ ऑफ इंटिग्रेटिज डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन (Chief of Integrated Defence Staff to the Chairman), Chiefs of Staff Committee यानि (CISC) के अलावा दो और सदस्य हैं. 

यह समिति सीडीएस की भूमिका, दायित्व और शक्तियों के बारे में रूपरेखा तय करेगी. सीडीएस की नियुक्ति से पहले कई महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर तलाश करना आवश्यक है. 
प्रधानमंत्री द्वारा भारत में सीडीएस का पद बनाने की घोषणा को भारतीय सेनाओं के अबतक के सबसे बड़े सुधारों में माना जा रहा है. 

इस पद की मांग पिछले दो दशक से चल रही थी. कारगिल के बाद बनी कारगिल रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट में भी तीनों सेनाओं में तालमेल के लिए सीडीएस बनाने की सिफ़ारिश की गई थी. कारगिल में वायुसेना और थलसेना के बीच ऑपरेशन को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी और माना जाता है कि इससे न केवल कारगिल की लड़ाई लंबी खिंची बल्कि इसमें ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था. 

रक्षा बजट में होगी कमी
सीडीएस के बनने से न केवल ऐसी स्थितियों से निबटा जा सकेगा बल्कि साथ ही रक्षा बजट का बेहतर तरीक़े से इस्तेमाल भी हो पाएगा.  भारत में पहले ही कई ट्राइ सर्विस कमान हैं, इनमें से अंडमान निकोबार कमान के पास हिंद महासागर में भारत के हितों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है. परमाणु हथियारों की ज़िम्मेदारी उठाने वाली स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (STRATEGIC FORCES COMMAND) यानि SFC में भी तीनों सेनाओं के अधिकारी काम करते हैं लेकिन सीडीएस इन सबसे ऊंचा पद है जिसके पास तीनों सेनाओं की ज़िम्मेदारी होगी. 

एक वरिष्ठ सैनिक अधिकारी ने बताया कि सीडीएस बनने के बाद तीनों सेनाओं के लिए साझा लॉजिस्टिक बेस बनाना संभव हो पाएगा जिससे रक्षा बजट में खासी बचत होगी. उसी तरह कई ट्रेनिंग कार्यक्रम ऐसे हैं जिन्हें तीनों सेनाओं के लिए साझा तौर पर चलाया जा सकेगा. सैनिक कूटनीति और सैनिक रणनीति बनाने में अब सीडीएस की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होगी. 

कई सवालों के ढूंढने होंगे जवाब
लेकिन कई ऐसे प्रश्न हैं जिनका हल तलाश करने में समिति को खासा विचार करना होगा. परमाणु हथियारों की ज़िम्मेदारी उठाने वाली स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (STRATEGIC FORCES COMMAND) यानी SFC पर सीडीएस का कितना दखल होगा. सीडीएस को क्या रक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) में जगह मिलेगी या नहीं.  

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