Gujarat High Court ने लिया ऐतिहासिक फैसला, कार्यवाही की होगी लाइव स्ट्रीमिंग; 17 जुलाई को CJI करेंगे उद्घाटन
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Gujarat High Court ने लिया ऐतिहासिक फैसला, कार्यवाही की होगी लाइव स्ट्रीमिंग; 17 जुलाई को CJI करेंगे उद्घाटन

गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) के रजिस्ट्रार जनरल ने विज्ञप्ति में कहा , 'ट्रायल आठ महीने से अधिक समय से सफलतापूर्वक जारी रहा है, जिसमें हाई कोर्ट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को 65,000 से अधिक लोगों ने सब्सक्राइब किया है और 41 लाख से अधिक बार देखा गया है.'

गुजरात हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने ऐतिहासिक फैसला लिया है और शनिवार से अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग (Live Court Proceeding) की जाएगी. इसके साथ ही गुजरात उच्च न्यायालय ऐसा करने वाला देश का पहला हाई कोर्ट बन गया है. कोर्ट ने अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए कुछ खास नियम भी बनाए हैं.

  1. 9 महीने पहले शुरू हुआ था ट्रायल
  2. सीजेआई एनवी रमन्ना करेंगे उद्घाटन
  3. गुजरात हाई कोर्ट ने कोर्ट स्ट्रीमिंग के नियम बनाए
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9 महीने पहले शुरू हुआ था ट्रायल

गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने पहली बार 26 अक्टूबर, 2020 से पहली बार ट्रायल के तौर पर अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की थी, जिसे यूट्यूब के माध्यम से कोई भी देख सकता है. इस दौरान अदालत के ऑफिशियल यू-ट्यूब चैनल पर ट्रायल लाइव स्ट्रीमिंग को 41 लाख बार देखा गया है. साथ ही 65 हजार लोगों ने चैनल को सब्सक्राइब किया है.

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सीजेआई एनवी रमन्ना करेंगे उद्घाटन

हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने एक विज्ञप्ति में कहा कि कोर्ट शनिवार (17 जुलाई) को एक ऑनलाइन समारोह में औपचारिक रूप से कोर्ट की अन्य इच्छुक पीठों की अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करेगा. भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना (CJI NV Ramana) समारोह में मुख्य अतिथि होंगे और कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे.

लाइव स्ट्रीमिंग से पता चलेगा, क्यों लंबित पड़े हैं केस: SC

बता दें कि पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी कहा था कि कोर्ट की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग की जाए, ताकि आम जनता भी ये जान सके कि आखिर क्यों न्यायालयों में इतने मामले लंबित पड़े हैं. दरअसल, जस्टिस चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ साल 2018 की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, तभी याचिकाकर्ता के वकील ने स्थगन की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने ये टिप्पणी की थी. मामले की सुनवाई के दौरान जूनियर वकील ने कहा कि उनके वकील की तबीयत ठीक नहीं है. इस पर कोर्ट ने उनसे कहा कि आप ही दलीलें पेश करें, तो वकील ने कहा कि वे इसके लिए तैयार नहीं हैं.

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