DNA: ...तो बच जाती 6 मासूमों की जान, स्कूल बस हादसे में छात्रों की मौत का कौन जिम्मेदार?
Advertisement
trendingNow12200083

DNA: ...तो बच जाती 6 मासूमों की जान, स्कूल बस हादसे में छात्रों की मौत का कौन जिम्मेदार?

School Bus Accident Haryana: खून से लथपथ बच्चों की रोने की आवाज सुनकर सबसे पहले आसपास जमा हुए लोगों ने बच्चों को बस से निकाला और उसके बाद घायल बच्चों को उठा कर गाड़ियों में ही बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया.

DNA: ...तो बच जाती 6 मासूमों की जान, स्कूल बस हादसे में छात्रों की मौत का कौन जिम्मेदार?

School Bus Guidelines: हरियाणा के महेंद्रगढ़ में आज सुबह प्राइवेट स्कूल की तेज रफ्तार बस पलट गई. बस में 35-40 बच्चे सवार थे. हादसे में 6 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. 20 से ज्यादा बच्चे घायल हुए हैं. 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है. आज डीएनए में हम जो विश्लेषण करने वाले हैं, वो पैरेंट्स को यकीनन डरा देगा. खासकर उन माता-पिता को जिनके बच्चे स्कूल बस से स्कूल जाते हैं क्योंकि ये विश्लेषण प्राइवेट स्कूलों में एक्सीडेंट की गारंटी बनने वालीं स्कूल बसों से जुड़ा है.

छुट्टी के दिन खुला था स्कूल

हादसे का शिकार हुए बच्चे GL पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे. ईद की छुट्टी होने के बाद भी स्कूल खोला गया था यानी छुट्टी के बाद भी सुबह स्कूल की बस बच्चों को लेकर स्कूल जा रही थी.

ये हादसा एक गाड़ी को ओवरटेक करते समय हुआ. स्कूल बस की स्पीड काफी ज्यादा थी.इसलिए दूसरे वाहन को ओवरटेक करते हुए स्कूल बस का ड्राइवर बस पर नियंत्रण नहीं रख पाया और हादसा हो गया. खून से लथपथ बच्चों की रोने की आवाज सुनकर सबसे पहले आसपास जमा हुए लोगों ने बच्चों को बस से निकाला और उसके बाद घायल बच्चों को उठा कर गाड़ियों में ही बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया.

हादसे में कई परिवारों ने अपने बच्चों को खोया है, जिनपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. इनके माता पिता को भी नहीं पता था कि उनके बच्चे ना स्कूल पहुंच पाएंगे और ना कभी वापस घर लौटकर आएंगे.

हमारे देश में एक्सीडेंट होना कोई बड़ी बात नहीं है. हर दिन हजारों एक्सीडेंट होते हैं लेकिन हरियाणा के महेंद्रगढ़ में स्कूल बस का एक्सीडेंट क्यों हुआ, ये जानना आपके लिए आज बहुत जरूरी है. क्योंकि ये बात डराने वाली है.

स्कूल बस हादसे ने कई परिवारों को कभी ना भूलने वाला दर्द दिया है. इन परिवारों के जहन में सिर्फ यही बात आ रही होगी कि काश आज इस स्कूल में भी छुट्टी होती और उनके बच्चे आज स्कूल नहीं जाते. लेकिन स्कूल और बस ड्राइवर की लापरवाहियों की वजह से इन बच्चों की जान चली गई, जिसकी वजह अब हम आपको बताते हैं.

पहली वजह: आज पूरे देश में ईद की छुट्टी है. सरकारी दफ्तर से लेकर सभी शिक्षण संस्थान बंद है. लेकिन इसके बावजूद GL पब्लिक स्कूल खुला हुआ था.

दूसरी वजह: जो बस हादसे का शिकार हुई, उसका ड्राइवर शराब के नशे में था.

तीसरी वजह: नशे में बस का ड्राइवर तेज गति से बस को दौड़ा रहा था, जिसकी वजह से बस का संतुलन बिगड़ा और बस पलट गई.

चौथी वजह: जिस बस में ये बच्चे रोज स्कूल जाते थे, उस बस का फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर था.

डॉक्युमेंट भी था एक्सपायर

बस का डॉक्यूमेंट देखकर पता चलता है कि किस कदर लापरवाहियां बरती जा रही थीं. परिवहन मंत्रालय के ऑफिशियल मोबाइल ऐप के अनुसार इस स्कूल बस के डॉक्यूमेंट भी कंप्लीट नहीं हैं. फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर दिखाया जा रहा है. इसके बाद भी स्कूल इस बस को चला रहा था. इसमें हादसे वाली बस का नंबर भी नजर आ रहा है. और नीचे व्हीकल स्टेटस के आगे लिखा है फिटनेस एक्सपायर्ड.

सोचिए, छुट्टी वाले दिन स्कूल खुला ड्राइवर नशे में था. बस का फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर था. इन लापरवाहियों को देखकर कहा जा सकता है कि ये एक्सीडेंट पहले से ही तय था और अगर हम ये कहें कि इन बच्चों की जान हादसे में नहीं गई बल्कि इनकी जान ली गई है तो गलत नहीं होगा.

बस के उड़ गए चीथड़े

जिस जगह पर हादसा हुआ उस जगह पर बच्चों के स्कूल बैग पड़े हैं. बस के चीथड़े उड़ गए है. जिसे देखकर समझा जा सकता है कि हादसा कितना भीषण था. इस हादसे के बाद ठीक वही पैटर्न अपनाया गया है जो पहले हुए हादसों के बाद अपनाया गया था, यानि पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है.

बच्चे बड़े हो या छोटे, मां बाप के कलेजे के टुकड़े होते हैं. खासकर छोटे बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो पेरेंट्स को बच्चों की फिक्र लगी रहती है. हम सबके साथ भी यही होता है.

बच्चे स्कूल आराम से और सुरक्षित आ-जा सके, इसके लिए पेरेंट्स स्कूल बस या फिर वैन लगवा देते हैं. लेकिन जब लापरवाही की वजह से बच्चों को कुछ होता है तो मां बाप का कलेजा मुंह को आ जाता है. आज कुछ ऐसा ही हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में भी हुआ.

स्कूल बसों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलांइस जारी कर रखी है, जिनका पालन हर स्कूल को करना अनिवार्य है. लेकिन इसके बावजूद बड़े-बड़े स्कूल, उनकी बसें गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए पाई गई हैं. अब हम आपको सुप्रीम की स्कूल बसों पर बनाई गई गाइडलाइंस के बारे में बताते हैं. 

क्या हैं गाइडलाइंस

  • स्कूल बस पीले रंग में पेंट होनी चाहिए

  • स्कूल बस पर स्कूल का नाम और टेलिफोन नंबर लिखा होना चाहिए.

  • स्कूल बस की खिड़कियों पर क्षैतिज यानि हॉरिजोंटल ग्रिल होनी चाहिए.

  • बसों के दरवाजे ठीक से लॉक होने चाहिए.

  • बसों में आपातकालीन निकास द्वार होना चाहिए.

  • बसों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य है.

  • गाइडलाइंस के मुताबिक स्कूल बसों की अधिकतम स्पीड 40 KMPH होनी चाहिए.

  • बसों में दो अग्निशामक यानि (Fire Extinguisher) मौजूद होने चाहिए.

  • बस की सीट इस तरह बनी हो कि आसानी से आग न पकड़े.

  • स्कूल की बसों में GPS और CCTV भी लगा होना चाहिए और उसकी 60 दिन की फुटेज सुरक्षित होनी चाहिए.

  • ड्राइवर को भारी वाहन चलाने का 5 साल का अनुभव होना चाहिए.

  • कंडक्टर के अलावा एक प्रशिक्षित महिला कर्मचारी/गार्ड भी तैनात होना चाहिए.

  • बसों में प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था होनी चाहिए.

  •  गाइडलाइंस के मुताबिक बसों में क्षमता से ज्यादा बच्चे नहीं बिठाए जा सकते.

देश में जब भी कोई स्कूल बस हादसा होता है तो प्रशासन हरकत में आता है, लेकिन ये सिर्फ एक फॉर्मेलिटी की तरह होता है. कुछ दिन वाहनों की चैकिंग होती है, चालान कटते हैं.स्कूल भी सख्ती दिखाते हैं. लेकिन उसके बाद फिर नियमों का उल्लंघन शुरू हो जाता है. अगर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन हो तो महेंद्रगढ़ जैसे हादसों को रोका जा सकता है. बच्चों की जान बचाई जा सकती है.

महेंद्रगढ़ में स्कूल की लापरवाही बच्चों की जान पर भारी पड़ी है. लेकिन ये पहली बार नहीं है. जब स्कूल बस हादसों में बच्चों की जान गई है.पहले भी स्कूल बस हादसों ने कई परिवारों को कभी ना भूलने वाला दर्द दिया है.

कब-कब हुए हादसे?

  • 2 अप्रैल 2024 को यूपी के बाराबंकी जिले में लखनऊ से पिकनिक मनाकर लौट रहे विद्यार्थियों से भरी एक स्कूल बस पलट गई थी, जिसमें तीन बच्चों समेत 4 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 32 बच्चे घायल हुए थे.

  • 11 जनवरी 2024 को राजस्थान के पाली में स्कूल बस और ट्रक की टक्कर में 2 लोगों की मौत हो गई थी और 20 बच्चे घायल हो गए थे.

  • 22 दिसंबर 2023 को गोरखपुर में ओवरटेक करने के चक्कर में एक स्कूल बस हादसे का शिकार हुई थी, जिसमें 2 मासूमों की मौत हो गई थी.

  • 30 अक्टूबर 2023 को यूपी के बदायूं में स्कूल बस और वैन में भीषण टक्कर हुई थी जिसमें 4 बच्चों की मौत हो गई थी और 15 बच्चे घायल हुए थे.

  • 11 जुलाई 2023 को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर स्कूल बस हादसे का शिकार हुई थी जिसमें 6 बच्चों की मौत हो गई थी.

  • ऐसा नहीं है कि इन हादसों को रोका नहीं जा सकता था. इन हादसों को रोका जा सकता है.लेकिन इसके लिए स्कूलों को अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा. सड़कों पर दौड़ रही स्कूल बसों को नियमों का पालन करना होगा. स्कूलों और पुलिस को उन ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी जो नियम तोड़ते हैं. ऐसा कर इन हादसों को रोका जा सकता है.

  • सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि महेंद्रगढ़ की तरह हुए बस हादसों में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन ऐसे हादसों में मारे जाने वाले बच्चों की तादाद बढ़ी है.

  • साल 2018 में 8 हजार 164 बस दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 9 हजार 977 बच्चों की मौत हो गई.

  •  साल 2019 में 6 हजार 529 बस दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 11 हजार 168 बच्चों की मौत हो गई.

  •  साल 2020 में ऐसे हादसों में थोड़ी कमी देखी गई. इस साल बस दुर्घटना के 3 हजार मामले सामने आए, जिनमें 6 हजार 998 मासूम बच्चों की जान चली गई.

  • वहीं वर्ष 2021 में 3 हजार 106 बस दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 7 हजार 764 बच्चे मारे गए.

  • जबकि, 2022 में ये आंकड़ा एक बार फिर बढ़ गया. इस साल बस दुर्घटना के 4 हजार चार मामले सामने आए, जिनमें साढ़े नौ हजार से ज़्यादा बच्चों की मौत हो गई.

ये आंकड़े डराने वाले हैं.बस हादसों में हम मासूमों को खो रहे हैं. हम DNA में हमेशा से उन खबरों को उठाते रहे हैं, जो सीधा आपसे कनेक्ट होती हैं क्योंकि हमारे लिए देश हित और आपका हित सर्वोपरि है.ऐसा नहीं है कि हम आज इस खबर को बाद में भूल जाएंगे. हम आपसे वादा करते हैं कि ZEE NEWS आगे भी इसे एक मुहीम की तरह दिखाएगा.हम हर वो मुद्दा उठाएंगे जो आपसे जुड़ा है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news