कोरोना संकट: केंद्र ने उठाए राज्यों पर सवाल, हर्षवर्धन ने कहा- कई अस्पताल नहीं हुए नोटिफाइड
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कोरोना संकट: केंद्र ने उठाए राज्यों पर सवाल, हर्षवर्धन ने कहा- कई अस्पताल नहीं हुए नोटिफाइड

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज कोरोना से निपटने के सरकार के इंतजामों की समीक्षा की.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम वैक्सीन की भी खोज में लगे हुए हैं. भारत ने वायरस को आइसोलेट कर लिया है.

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harshvardhan) ने आज कोरोना से निपटने के सरकार के इंतजामों की समीक्षा की. केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ कोविड-19 (COVID-19) पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की.

  1. सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन सबसे बड़ी सोशल वैक्सीन
  2. 9 राज्यों से सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे
  3. कोविड 19 के कारण रक्तदान में कमी आई

इस समीक्षा बैठक में देश में कोरोना वायरस की रोकथाम और राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई. इसके साथ केंद्र और राज्यों के कोरोना संकट से निपटने की रणनीति पर भी चर्चा हुई. राज्यों में टेस्टिंग, सैम्पल कलेक्शन और मेडिकल इक्विपमेंट समेत कई मुद्दों पर समीक्षा की गई. 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी 9 राज्यों से सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इनमें महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं. 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम वैक्सीन की भी खोज में लगे हुए हैं. भारत ने वायरस को आइसोलेट कर लिया है और हम भी वैक्सीन बनाने की दौड़ में हैं. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन आज की तारीख में सबसे बड़ी सोशल वैक्सीन है.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अभी भी कई राज्यों के अस्पताल कोविड-19 में नोटिफाइड नहीं हुए हैं. हालांकि मैं इन अस्पतालों का नाम नहीं लेना चाहता. साथ ही उन्होंने कहा कि थैलीसीमिया के रोगियों को ब्लड मिलने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए. कई ऐसी दुर्लभ बीमारियां हैं जिनके मरीजों को रेगुलर ब्लड की जरूरत होती है.

इसे लेकर हम लगातार मॉनिटर कर रहे हैं. साथ ही बाकी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से भी अपील है कि वे भी इसे मॉनिटर करते रहें. 

हर्षवर्धन ने कहा, कोविड 19 के कारण रक्तदान में कमी आई है. हमने निर्णय किया है कि रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए जहां-जहां संभव हो रक्तदान करने वालों से ब्लड हम उनके घर पर लें या उनको घर से सुविधा प्रदान करके उनको बुलाकर रक्तदान करने के लिए प्रेरित करें.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड 19 के लिए प्रधानमंत्री ने जो पैकेज अनाउंस किया था, वो 4 हजार सौ करोड़ रुपए सभी राज्यों को रिलीज कर चुके हैं.

वहीं आईसीएमआर लैब को लेकर उन्होंने कहा कि अगर आपको लगता है कि ICMR लैब का यूटिलाइजेशन नहीं हो रहा है तो आप हमें फीडबैक दे सकते हैं.

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अभी पीपीई और सर्जिकल मास्क जो हमारे पास उपलब्ध हैं, वो अस्पातल के लिए विशेष परिस्थिति से निपटने के लिए हैं. वहीं कोरोना वायरस से जुड़ी सारी डिटेल्स और एडवाइजरी स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर दिन में दो बार अपडेट की जाती हैं. 

स्वास्थ्य मंत्री ने इस बैठक में अंतयेष्टि कैसे की जाए इसको लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि क्रिमेशन ग्राउंड पर कैसे क्रिमेट करें. इसके लिए भी सुझाव आया कि ये बातें वेबसाइट पर डिस्प्ले होनी चाहिए.

वहीं मास्क की जरूरत को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर हम अपने मुंह को कपड़े से रुमाल से कवर करके रखते हैं तो कोविड से सुरक्षा मिल सकती है.

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि एक दो जगहों से शिकायतें आ रही हैं कि रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही. हालांकि मैं उन राज्यों का नाम नहीं लूंगा. हमें ये समझना होगा कि हम सभी को मिलकर इस वायरस से लड़ना है. इसकी कोई बाउंड्री नहीं है, कोई देश नहीं है. वायरस चीन से चला था और यहां तक पहुंच गया. 

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ जो कदम उठाए जा रहे हैं, उसके लिए मैं दिल से सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों को बधाई देना चाहता हूं. कुछ राज्यों में बीमारी असाधारण गति से आगे बढ़ रही है, लेकिन हमें धैर्य को नहीं खोना है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से हॉटस्पॉट्स को लोकेट कर लिया गया है. डीएम को इंचार्ज बना दिया गया है. हमें पूरा विश्वास है कि इस जंग में सफलता मिलेगी.

लोगों ने सहयोग किया है लेकिन कई राज्यों में लॉकडाउन को अभी भी उस तरह गंभीरता से नहीं लिया जा रहा. हमें समझना होगा कि अगर लॉकडाउन फेल हुआ, तो हम इस बीमारी से हार जाएंगे.

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