स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्रेन में कोरोना मरीजों के आइसोलेशन को दी मंजूरी, 5000 कोच हैं तैयार
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्रेन में कोरोना मरीजों के आइसोलेशन को दी मंजूरी, 5000 कोच हैं तैयार

रेलवे अभी तक 5000 ट्रेनों के कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर चुका है और इनमें सारी हेल्थ फैसिलिटी उपलब्ध करवाई गई हैं.

ट्रेन के कोच में आइसोलेशन के लिए मेडिकल की सारी सुविधाएं हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर अब स्वास्थ्य मंत्रालय रेलवे द्वारा ट्रेनों में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड को यूज करेगा. रेलवे अभी तक 5000 ट्रेनों के कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर चुका है और इनमें सारी हेल्थ फैसिलिटी उपलब्ध करवाई गई हैं. 23 राज्यों के 215 स्टेशनों पर आइसोलेशन वाली ट्रेनों को खड़ा किया जाएगा.

  1. अब ट्रेन के कोच को आइसोलेशन वार्ड के तौर पर प्रयोग में लाया जाएगा- स्वास्थ्य मंत्रालय
  2. 23 राज्यों के 215 स्टेशनों पर आइसोलेशन कोच वाली ट्रेनों को खड़ा किया जाएगा
  3. आइसोलेशन कोच में सारी हेल्थ फैसिलिटी उपलब्ध करवाई गई हैं

गौरतलब है कि इनको इमरजेंसी के लिए तैयार किया गया था. रेलवे का कहना है कि जरूरत पड़ने पर और भी ट्रेनों के कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदला जा सकता है. कोरोना संक्रमण के वह लोग जो माइल्ड रूप से संक्रमित हैं, उनको इन आइसोलेशन कोच में रखा जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेलवे से तालमेल बनाने के लिए एक-एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करने को कहा है. जिससे राज्य सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बेहतर तरीके से तालमेल कर सके. वह राज्य जहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पड़ रही है, ऐसे राज्य ट्रेनों में बने आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को रख सकेंगे. 

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किस तरह से ट्रेनों में बने आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल किया जाना है और कैसे मरीजों की देखभाल होगी, इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने विस्तृत रूप से गाइडलाइंस जारी की हैं.

23 राज्यों के 215 स्टेशन आंध्रप्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के हैं.

कोरोना संक्रमण के वो लोग जो माइल्ड रूप से संक्रमित हैं, उनके लिए ज्यादा क्रिटिकल होने की संभावना नहीं होती है. लिहाजा यही वजह है कि ऐसे माइल्ड संक्रमित मरीजों को इन आइसोलेशन कोच में रखा जाएगा.

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