Prophet Muhammed row: हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, पूछा- अचानक प्रदर्शन के लिए कैसे जमा हुए 10 हजार लोग?
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Prophet Muhammed row: हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, पूछा- अचानक प्रदर्शन के लिए कैसे जमा हुए 10 हजार लोग?

Prophet Muhammed row: बीते दिनों झारखंड में कई जगह से हिंसक प्रदर्शन की खबरें आई थीं. ऐसे में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से एक सवाल किया है. सरकार से उपद्रवियों के बारे में जानकारी मांगी गई है.

Prophet Muhammed row: हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, पूछा- अचानक प्रदर्शन के लिए कैसे जमा हुए 10 हजार लोग?

Prophet Muhammed row: झारखंड हाई कोर्ट ने रांची में बीते 10 जून को हुई हिंसा पर राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा है कि जिस विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई, उसके बारे में सरकार को कोई खुफिया जानकारी थी या नहीं? अचानक से 10 हजार उपद्रवी सड़क पर कैसे इकट्ठा हो गये? मामले के एक आरोपी नवाब चिश्ती के बारे में कोर्ट ने कहा कि उसकी फोटो मंत्री के साथ दिखी है, अगर उसके बड़े लोगों से ताल्लुक हैं, तो इसकी जांच होनी चाहिए. हाईकोर्ट ने रांची हिंसा की जांच एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी) से कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिये.

पुलिस के एक्शन पर भी सवालिया निशान 

राज्य सरकार को कई बिंदुओं पर पूरा ब्योरा पेश करने को कहा गया है. अदालत की ओर से पूछा गया है, 'मसलन, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने कितनी गोलियां चलाईं और इससे कितने लोगों की मौत हुई एवं कितने लोग घायल हुए? उपद्रव के लिए इतने पत्थर कैसे जमा हो गए? पुलिस ने गोली चलाने से पहले पानी का फव्वारा, आंसू गैस, लाठीचार्ज क्यों नहीं किया? पुलिस ने हवाई फायरिंग की बात कही है, लेकिन इससे कोई भी गंभीर रूप से घायल कैसे हो सकता है? एक आरोपी को गर्दन में गोली लगी है, जबकि इस हालत में पुलिस पैर में गोली चलाती है.'

नूपुर शर्मा के बयान पर बवाल 

बता दें कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान पर विरोध प्रदर्शन के लिए रांची में विगत 10 जून को हिंसा और उपद्रव की घटनाएं हुई थीं. उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की थी.

रांची में प्रायोजित थी घटना 

हिंसा की इस घटना की एनआईए जांच की मांग को लेकर पंकज कुमार यादव नामक व्यक्ति ने याचिका दायर की है. याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया गया है. अदालत से झारखंड संपत्ति विनाश और क्षति निवारण विधेयक 2016 के अनुसार आरोपियों के घर को तोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया है. इसमें रांची की घटना को प्रायोजित बताते हुए यह पता लगाने का आग्रह किया गया है कि किस संगठन ने फंडिंग कर घटना को अंजाम दिया.

अब हो रहा अग्निपथ योजना पर बवाल

आपको बता दें कि देश में अभी मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के बयान के बाद होने वाला बवाल थमा ही नहीं थी कि अब PM मोदी सरकार की नई अग्निवीर योजना को लेकर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. देश में कई ट्रेनों को विरोध के बीच नुकसान पहुंचा है. कई ट्रेनों को रद्द किया जा चुका है. (इनपुट: IANS)

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