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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की जनता के दिल की बात जानने के लिए केंद्रीय मंत्रियों का एक समूह वहां का दौरा करने जा रहा है. वापस लौटकर ये मंत्रीगण प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और गृह मंत्रालय (MHA) को अपनी रिपोर्ट्स सौंपेंगे. संविधान के अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद केंद्र सरकार के मंत्रियों का ये दूसरा दौरा होगा. पिछले साल 18-24 जनवरी के बीच भी 36 केंद्रीय मंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था.
ये दौरे 10 सितंबर से शुरू होंगे. इस दौरान मंत्रीगण जनता से मुलाकात के अलावा मंत्री प्रशासन और पंचायती राज संस्थाओं के लोगों से भी मिलेंगे. केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कुल 78 मंत्री हैं, और उनमें से 70 के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने की बात सामने आ रही है. हर हफ्ते 8 मंत्री जम्मू और कश्मीर जाएंगे. यानी 4 मंत्री जम्मू का दौरा करेंगे, और अन्य 4 कश्मीर जाएंगे. वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री भी इसका हिस्सा होंगे. जानकारी के मुताबिक, जिस मंत्री के पास जो भी मंत्रालय है, वह अपने मंत्रालय से जुड़ी बातों को नोट करेगा और वापस लौटकर गृह मंत्रालय (MHA) और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. इस दौरे को लेकर हमने जनता से बात की और उनके मन की बात जानी.
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डोगरा फ्रंट के प्रेजिडेंट अशोक गुप्ता ने बताया, 'केसर पर GI टैगिंग बीजेपी की सबसे बड़ी अचीवमेंट है. अब ईरान का केसर पीछे हो चुका है. वहीं 4 लेन हाइवे की शुरुआत के बाद मात्र 6 घंटे में दिल्ली से कटरा पहुंच जाते हैं. पहले ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं था. जहां कोई यूनिवर्सिटी तक नहीं कोई खोल नहीं पाया, आज लद्दाख-कश्मीर में IIT-IIM खुल रहे हैं. सरकार ने मिलिटेंसी खत्म कर दी है. जन्माष्टमी और तिरंगा फहरा पाना एक बड़ी अचीवमेंट है. हालांकि पैंथर्स पार्टी के जनरल सेक्रेटरी गगन प्रताप सिंह ने कहा, 'बीजेपी के प्रति काफी रोष है. पार्टी सिर्फ रिपेयर वर्क का काम कर रही है. बेरोजगारी, मंहगाई, सभी मुद्दों पर लोग परेशान हैं. लोगों की जगह माफिया, माइनिंग, लिकर, एजुकेशन माफिया पनप रहे हैं. असतित्व पूरी तरह से खत्म हो चुका है.'
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जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के वाइस प्रेजिडेंट रमन भल्ला (Raman Bhalla) ने कहा, 'बीजेपी समझ चुकी है कि ऐतिहासिक ब्लंडर हुआ है. इसलिए लोगों को गुमराह करने के लिए दौरा किया जा रहा है. पहले भी दौरे हो चुके हैं. 3-3 तो मंत्री हैं. क्या उनको जम्मू-कश्मीर के बारे में जानकारी नहीं हैं. दिल और दिल्ली की दूरी तभी मिट पाएगी जो रियासत का दर्जा बहाल करे. कोई फ्रूटफुल रिजल्ट आज तक नहीं निकला. टीवी में तो बहुत अच्छा दिखता है, लेकिन जमीन हकीकत से बहुत दूर है. कभी 36 कभी 70, लोगों को कोई राहत नहीं मिली है.
वहीं जम्मू-कश्मीर बीजेपी के नेता युद्धवीर सिंह का कहना है कि जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था, दिल्ली और कश्मीर की दूरी कम करना, वैसा ही इन मंत्रियों के द्वारा किया जा रहा है. ये सरहनिया कार्य हैं और हम इसका स्वागत करते हैं. ये विकास की तरफ एक कदम है. हम सब उनका स्वागत करते हैं.
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