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नई दिल्ली. आपने सुना होगा कि एनवायरमेंट में लगातार तापमान बढ़ रहा है. इस वजह से ध्रुवों से से लगातार लैंडस्केप हो रहा है. हाल ही में सोशल मीडिया पर आर्कटिक क्षेत्र की दो तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं. इनमें 105 साल के अंतराल की दो तस्वीरों की तुलना की जा रही है. तस्वीर में साफ दिखाई दे रहा है कि आर्कटिक इलाके में काफी ज्यादा लैंडस्केप हो रहा है. जो भी इन तस्वीरों को देखता है वो हैरान रह जाता है.
आर्कटिक क्षेत्र की ये दोनों तस्वीरें IFS ऑफिसर प्रवीण कासवान ने ट्विटर पर शेयर की हैं. उन्होंने तस्वीरें शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "दोनों तस्वीरें गर्मी में ली गई थीं...क्या आपको कुछ खास नजर आया?" ये तस्वीरें फोटोग्राफर क्रिश्चियन एसलैंड और ग्रीनपीस द्वारा बनाई गई 2003 की सीरीज का एक हिस्सा हैं. पहली तस्वीर में बर्फ की दीवार के पीछे पहाड़ों देखना मुश्किल है, वहीं दूसरी तस्वीर पूरी तरह से अलग कहानी कहती है. दूसरी तस्वीर में बर्फ न के बराबर दिख रही है.
This is Arctic 105 years apart. Both picture taken in summer. Do you notice anything special. Courtesy Christian Åslund. pic.twitter.com/9AHtLDGKRb
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) November 24, 2021
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ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लोग इन पर रिएक्ट कर रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट किया कि 'गायब हुई बर्फ भी कई जानवरों की प्रजातियों के लिए एक निवास स्थान थी. ये इन प्रजातियों के विलुप्त होने का भी कारण बन गया होगा'. इस यूजर ने इन तस्वीरों में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों पर ध्यान दिया और बताया कि कैसे काकिंग, मणिपुर में चीजें बदल गई थीं. गौरैयों और जुगनू के गायब होने के साथ-साथ कंक्रीट के ढांचे में वृद्धि ने उन्हें चिंतित कर दिया. वहीं एक अन्य यूजर ने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग वास्तविक समस्याएं हैं न कि केवल मिथक.
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बता दें, ये तस्वीरें फोटोग्राफर क्रिश्चियन इस्लंड और ग्रीनपीस द्वारा बनाई गई 2003 की सीरीज का हिस्सा था, जिसका शीर्षक “ग्लेशियर तुलना – स्वालबार्ड” था. इस सीरीज में नॉर्वेजियन पोलर इंस्टीट्यूट की समकालीन तस्वीरों और अभिलेखीय तस्वीरों की सात ऐसी दृश्य तुलनाएं शामिल थीं. 'क्लाइमेट इन स्वालबार्ड साल-2100' (Climate in Svalbard 2100) रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि इस सदी के अंत तक स्वालबार्ड में हवा का वार्षिक स्तर पर औसत तापमान (Annual Mean Air Temperature) 7 से 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है.
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