13 जनवरी से पूरे देश में कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को ये जानकारी साझा की है. ऐसे में लोगों के मन में कई सवाल हैं कि वैक्सीन निर्माता से आम जन तक कैसे पहुंचेगी. आइए जानें Step By Step प्रोसेस...
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नई दिल्ली: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को एक साथ आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. जिसके बाद से लोगों के मन में एक ही सवाल घूम रहा था कि वैक्सीनेशन (Vaccination) की प्रक्रिया कब शुरू होगी. हालांकि मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन सभी सवालों पर विराम लगा दिया और 13 जनवरी से पूरे देश में वैक्सीनेशन शुरू करने के संकेत दिए.
लेकिन इस ऐलान के बाद लोगों के मन में अब दूसरे सवालों ने जन्म ले लिया है. अब लोग जानना चाहते हैं कि कोरोना की वैक्सीन आम जन तक कैसे पहुंचेगी? क्या इसके लिए किसी रजिस्ट्रेशन या डॉक्यूमेंट की जरूरत तो नहीं? इस तरह के सभी सवालों का जवाब आपको इस खबर में मिलने वाला है. आइए Step-by-Step जानते हैं पूरा प्रोसेस...
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सबसे पहले वैक्सीन को निर्माता कंपनी हवाई जहाज के जरिए प्राइमरी वैक्सीन स्टोर के लिए भेजना शुरू करेंगी. पूरे देश में 4 प्राइमरी वैक्सीन स्टोर करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में बनाए गए हैं. यहां वैक्सीन को जरूरत के हिसाब से इकट्ठा कर स्टोर किया जाएगा. ये सभी कोल्ड चेन प्वाइंट्स हैं जहां वैक्सीन के तापमान को नियंत्रित रखने के लिए भी पूरे इंतजाम किए गए हैं.
वैक्सीन निर्माता –> हवाई जहाज से –> प्राइमरी वैक्सीन स्टोर
इसके बाद की जिम्मेदारी राज्य सरकारों और जिला प्रशासन की होगी. प्राइमरी स्टोर से वैक्सीन को रेफ्रिजरेडिट वैन के जरिए जिला स्टोर में पहुंचाया जाएगा. इसके बाद जिला स्टोर से वैक्सीन को प्राइमरी हेल्थ सेंटर पहुंचाया जाएगा. बताते चलें कि सरकार ने पूरे देश में 37 जिला वैक्सीन स्टोर बनाए गए हैं, जहां प्राइमरी वैक्सीन स्टोर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. हर प्राइमरी और स्टेट और जिला वैक्सीन स्टोर में लाइव वैक्सीन टेंपरेचर डिजिटली ट्रैक होता है. यानी प्रोग्राम का संचालक कोई दिक्कत आने पर हेड आफिस से इसे लाइव देख सकता है. इसके बाद वैक्सीन कैरियर का काम शुरू होगा. ये भी टेंपरेचर कंट्रोल होंगे. इसके बाद वैक्सीन सब सेंटर पर जाएगी.
प्राइमरी वैक्सीन स्टोर –> राज्य/जिला वैक्सीन स्टोर –> प्राइमरी वैक्सीन सेंटर –> वैक्सीन कैरियर
सरकार हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर का डेटा डेटा इकट्ठा कर रही है. इसलिए उन्हें रजिस्टर करने की जरूरत नहीं होगी. लेकिन आम जनता को वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. इसके बाद प्रत्येक जिले के DM तय करेंगे कि किस दिन कितने लोगों को और कितने सेंटर पर वैक्सीनेशन की डोज दी जाएगी. कोरोना की दोनों डोज लगने के बाद एक QR कोड वाला सर्टिफिकेट भी लोगों को दिया जाएगा, जिससे ये प्रमाणित होगा कि आपको वैक्सीन लग चुकी है. इसे डिजीलॉकर में या कहीं सुरक्षित जरूर रखें.
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कोविन ऐप आम जनता को आधार से जोड़कर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की सुविधा उपलब्ध कराएगा. इस ऐप को आप Play Store या Apple Store से अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं. ये ऐप 12 भाषाओं में काम करता है. सरकार ने इस ऐप को डिजीलॉकर से जोड़ दिया है ताकि वैक्सीन लगने का सर्टिफिकेट आप कोविन ऐप में ही सुरक्षित कर सकें.
सरकार Chatbot सुविधा जल्द ही लॉन्च करने जा रही है. वैक्सीनेशन प्रोसेस के दौरान अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत आती है तो आप 24 घंटों में किसी भी समय Chatbot से मदद ले सकते हैं.
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भारत सरकार ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया शुरू करने के लिए पहले 28-29 दिसंबर को चार राज्यों में ड्राई रन किया था. ये ड्राई रन चार राज्यों की 25 जगहों पर किया गया था. इसके बाद 2 जनवरी को 125 जिलों की 286 साइट पर बड़ा ड्राई रन किया गया था. सरकार के अनुसार, ड्राई रन सफल रहा है. वहीं इस दौरान आई कुछ दिक्कतों को हल करने की कोशिश की जा रही है.