आयकर विभाग ने भुजबल परिवार की 300 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्क की
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आयकर विभाग ने भुजबल परिवार की 300 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी कुर्क की

भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं छगन भुजबल. (file)

नई दिल्ली-मुंबई. आयकर विभाग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और उनके परिवार की 300 करोड़ रूपये मूल्य की बेनामी संपत्ति कुर्क कर ली है और अभी हाल में लागू एक आपराधिक कानून के तहत उनपर आरोप लगाए हैं. आयकर विभाग ने कहा कि भुजबल परिवार ने कथित रूप से तकरीबन चार दर्जन शेल कंपनियों का जाल बुन कर ये जायदाद बनाई हैं. 

करप्शन के आरोपों में जेल में बंद हैं भुजबल

भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद पूर्व उप मुख्यमंत्री के लिए नई परेशानी खड़ी करते हुए आयकर विभाग ने भुजबल, उनके बेटे पंकज एवं भतीजे समीर भुजबल की संपित्तयों की अस्थाई कुर्की के लिए नोटिस भेजे हैं और उन्हें कथित बेनामी संपत्तियों के 'लाभाथर्यिों' के रूप में चिन्हित किया है. कुर्की नोटिस बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 2016 की धारा 24 (3) के तहत जारी किया गया है. इसके तहत अगर आयकर अधिकारी को लगता है कि कोई संपत्ति बेनामी है तो वह उसमें दखल दे सकता है. 

कुर्क अचल संपत्तियों में नासिक का गिर्णा शुगर मिल्स शामिल

आयकर विभाग के आदेश के तहत कुर्क अचल संपत्तियों में नासिक का गिर्णा शुगर मिल्स है जिसका मूल्य 80.97 करोड़ से ज्यादा है. इसमें मुंबई के सांता क्रूज में स्थित 11.30 करोड़ से ज्यादा मूल्य की रिहायशी बहुमंजिली इमारत सॉलिटेयर भी शामिल है. जहां चीनी मिल आर्मस्ट्रांग इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम है, रिहायशी इमारत प्रवेश कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम है. 

कुर्की में बांद्रा पश्चिम में स्थित हबीब मेनोर और फातिमा मेनोर बिल्डिंग भी शामिल

कुर्की में बांद्रा पश्चिम में स्थित हबीब मेनोर और फातिमा मेनोर बिल्डिंग भी शामिल हैं जिनकी कीमत 43.61 करोड़ रूपये आंकी गई है. इनका बेनामीदार प्रवेश कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड है. इनमें रायगढ़ का 87.54 करोड़ रुपए मूल्य का भूखंड (बेनामीदार - देविशा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड) शामिल है. 

कुर्क की गई 'बेनामी' संपत्तियों की कुल कीमत 223 करोड़ रुपए से ज्यादा

कुर्क की गई 'बेनामी' संपत्तियों की कुल कीमत 223 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है जबकि आयकर विभाग का कहना है कि इसका 'बाजार मूल्य' 300 करोड़ रुपए से ज्यादा है. विभाग ने कुल 44 शेल कंपनियों की शिनाख्त की है जिसने आदेश में 'बेनामी' के रूप में चिहनत तीन कंपनियों में से दो में 'निवेश' किया है. 

 

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