'मैं भाग्यशाली था जो न्यूयॉर्क में हुए हमले में बच गया', सलमान रुश्दी ने क्यों दिया ये बयान?
Advertisement
trendingNow11560996

'मैं भाग्यशाली था जो न्यूयॉर्क में हुए हमले में बच गया', सलमान रुश्दी ने क्यों दिया ये बयान?

Salman Rushdie: मुंबई में जन्मे और जाने-माने लेखक सलमान रुश्दी ने पिछले साल उनपर हुए कातिलाना हमले के बाद पहली बार सोमवार को कहा कि वह भाग्यशाली थे जो इससे बच गए.

'मैं भाग्यशाली था जो न्यूयॉर्क में हुए हमले में बच गया', सलमान रुश्दी ने क्यों दिया ये बयान?

Salman Rushdie: मुंबई में जन्मे और जाने-माने लेखक सलमान रुश्दी ने पिछले साल उनपर हुए कातिलाना हमले के बाद पहली बार सोमवार को कहा कि वह भाग्यशाली थे जो इससे बच गए. पिछले साल 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क में 75 वर्षीय ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में व्याख्यान दे रहे थे तभी एक शख्स मंच पर चढ़ गया और उन पर चाकू से कई हमला किया तथा मुक्के भी मारे. इस हमले में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है.

रुश्दी को उनके उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. हमले के बाद अपने पहले साक्षात्कार में लेखक ने ‘द न्यूयॉर्कर’ पत्रिका से कहा कि वह उन लोगों और अपने परिवार के प्रति शुक्रगुजार हैं जिन्होंने उन्हें अपना समर्थन दिया. इसमें उनके बेटे ज़फर और मिलन भी शामिल हैं.

रुश्दी ने पत्रिका से कहा, “ मैं भाग्यशाली था.” उन्होंने कहा, “ मैं उठ सकता हूं और चल सकता हूं. जब मैं कहता हूं कि मैं ठीक हूं तो मेरा मतलब है कि मेरे शरीर के कुछ हिस्सों को लगातार जांच की जरूरत है. यह एक बड़ा हमला था.” यह पूछे जाने पर कि अपने उपन्यास ‘द सेनेटिक वर्सेज़’ में कथित रूप से ‘ईशनिंदा’ के लिए ईरान के पूर्व सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खुमैनी की ओर से उनकी हत्या का फतवा जारी करने के कई सालों के बाद भी सतर्कता न बरतना क्या गलती थी, इस पर उन्होंने कहा, “ मैं खुद से भी यह सवाल कर रहा हूं और मैं इसका जवाब नहीं जानता हूं. मैंने अपनी जिंदगी के 20 साल से ज्यादा वक्त तक ऐसा किया है. तो क्या यह गलती है.’’

उन्होंने कहा, “ मैंने बहुत सी किताबें लिखी हैं. ‘द सेनेटिक वर्सेज़’ मेरी पांचवी प्रकाशित किताब थी-- मेरा चौथा प्रकाशित उपन्यास-- और यह (विक्टरी सिटी उपन्यास) मेरा 21वां उपन्यास है. फतवा आने के बाद मेरी जिंदगी का तीन चौथाई हिस्सा गुज़र चुका है. एक तरह से आप अपने जीवन को लेकर कर पछता नहीं सकते हैं.”

रुश्दी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अगर उनकी हत्या की जाती है तो लोग इसपर कैसे प्रतिक्रिया देंगे. उन्होंने कहा, “ मैंने इन वर्षों में भर्त्सना और कटुता से बचने की बहुत कोशिश की है.’’ उनका नया उपन्यास ‘विक्टरी सिटी’ हमले से पहले ही पूरा हो गया था. यह कर्नाटक में हम्पी को लेकर है. हम्मी में मध्ययुगीन विजयनगर साम्राज्य के खंडर हैं.

भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news