रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फ्रांस में गुरुवार को भारतीय वायुसेना ने राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन से पहला राफेल जेट रिसीव किया.
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नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना (IAF) ने पहला राफेल जेट (Rafale Fighter Jet) रिसीव कर लिया है. रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फ्रांस में गुरुवार को भारतीय वायुसेना ने राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन
(Dassault Aviation) से पहला राफेल जेट रिसीव किया. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान डेप्युटी एयर फोर्स चीफ मार्शल वीआर चौधरी मौजूद रहे. उन्होंने खुद भी विमान को लगभग एक घंटे तक उड़ाया. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) 8 अक्टूबर को जब फ्रांस (France) की यात्रा पर जाएंगे तब राफेल जेट (First Rafale Fighter Jet) को वायुसेना में औपचारिक तौर पर शामिल किया जाएगा.
इस दिन ही वायुसेना दिवस के साथ ही दशहरा भी पड़ रहा है. फ्रांस में होने वाले कार्यक्रम में दोनों देशों के रक्षा मंत्री और रक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे. दरअसल, सितंबर 2016 में भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल विमान खरीदने को लेकर डील हुई थी. इन विमानों की कीमत 7.87 बिलियन यूरो तय की गई थी.
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राफेल विमान को हालांकि भारत आने में कुछ समय और लगेगा क्योंकि इनकी व्यापक जांच और पायलट की ट्रेनिंग में काफी समय लगता है. भारत में राफेल साल 2020 के मई महीने तक ही आ पाएंगे. राफेल फाइटर जेट भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ा देगा. यह हवाई क्षेत्र में गेमचेंजर साबित हो सकता है.
राफेल फाइटर जेट पाकिस्तान और चीन से होने वाले हवाई हमलों को रोकने और उसे काउंटर करने में काफी मददगार साबित हो सकता है. पड़ोसी देश का लगभग हर इलाका इन विमानों की रेंज में होगा. वायु सेना लंबे समय से राफेल का इंतजार कर रही है.