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नई दिल्ली: यदि आपको लगता है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) खत्म हो गया है और अब कोई खतरा नहीं है, तो आप गलत हैं. एक्सपर्ट्स ने देश में तीसरी लहर के मंद पड़ने के साथ ही चौथी लहर (Corona Fourth Wave in India) की भविष्यवाणी की है. उनका कहना है कि कोरोना की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है, जिसका असर 24 अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है. हालांकि, चौथी लहर कितनी गंभीर होगी, इसका पता कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद ही चल पाएगा.
आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के शोधकर्ताओं ने कहा है कि COVID-19 की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी. यह भविष्यवाणी 24 फरवरी को प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv पर पब्लिश हुई है. एक्सपर्ट का कहना है कि चौथी लहर का कर्व 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पीक पर पहुंच जाएगा. इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी. हालांकि, इसकी गंभीरता पर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता.
यह तीसरी बार है जब आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने देश में कोरोना लहर को लेकर भविष्यवाणी की है. विशेष रूप से तीसरी लहर के बारे में उनकी भविष्यवाणी लगभग सटीक रही है. ये रिसर्च आईआईटी कानपुर के मैथमैटिक्स एंड स्टैटिस्टिक डिपार्टमेंट के एसपी राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने किया था. अपनी भविष्यवाणी के लिए इस टीम ने सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग किया है.
शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना की चौथी लहर कोरोना महामारी की शुरुआत के करीब 936 दिन बाद आ सकती है. ऐसे में चौथी लहर (अनुमानित) 22 जून से शुरू हो सकती है, जो पीक पर पहुंचने के बाद 24 अक्टूबर को खत्म हो जाएगी. टीम ने चौथी लहर के पीक के समय बिंदु के गैप की गणना करने के लिए 'बूटस्ट्रैप' नामक एक विधि इस्तेमाल की. उन्होंने कहा कि इस विधि का उपयोग अन्य देशों में भी चौथी और अन्य लहर की भविष्यवाणी के लिए किया जा सकता है.