'आत्मनिर्भर भारत' की IMF ने की जमकर तारीफ, कहा- इसने बहुत बड़े संकट से बचा लिया
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'आत्मनिर्भर भारत' की IMF ने की जमकर तारीफ, कहा- इसने बहुत बड़े संकट से बचा लिया

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट से देश को निकालने के लिए आत्मनिर्भर भारत के तहत आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. जिसमें छोटे से किसान, मजदूर और दुकानदार से लेकर इंडस्ट्री को सरकार ने आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था.

फाइल फोटो

वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट से देश को निकालने के लिए आत्मनिर्भर भारत के तहत आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था. जिसमें छोटे से किसान, मजदूर और दुकानदार से लेकर इंडस्ट्री को सरकार ने आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था. अब पीएम मोदी के इस कदम की तारीफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर हो रही है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानि IMF ने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की सराहना की है. 

  1. IMF ने का आत्मनिर्भर भारत की तारीफ
  2. इकोनॉमी के लिए बताया जरूरी कदम
  3. 'आने वाले बड़े संकट का खतरा कम हुआ'

'बहुत बड़े संकट से बचा लिया'
एक न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए IMF के कम्यूनिकेशंस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर गेरी राइस ने कहा कि, कोरोना संकट को देखते हुए आत्मनिर्भर भारत के तहत दिए गए आर्थिक पैकेज ने भारतीय अर्थव्यवस्था का सहारा दिया और कई बड़े खतरों को कम किया. इसलिए हमें लगता है कि ये कदम काफी महत्वपूर्ण था. 

पीएम मोदी के आत्म निर्भर भारत योजना को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राइस ने कहा कि 'जैसा कि प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि भारत को ग्लोबल इकोनॉमी में बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाना है, इकोनॉमी की क्षमताओं और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाकर नीतियों को प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी है.'

ग्लोबल वैल्यू चेन से भारत का जुड़ना जरूरी
राइस ने कहा कि 'भारत में Make For The World को हासिल करने के लिए जरूरी है कि उन नीतियों को प्राथिकता दी जाए, जिससे भारत को ग्लोबल वैल्यू चेन से जोड़े रखने में मदद मिले, ये व्यापर, निवेश और टेक्नोलॉजी के जरिए हो सकता है.'

भारत को हेल्थ में खर्च बढ़ाना चाहिए 
एक अन्य सवाल के जवाब में राइस ने कहा कि 'IMF की नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के साथ हुई चर्चा से एक बात साफ होती है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उच्च प्रदर्शन को हासिल करने के लिए भारत को हेल्थकेयर सेक्टर में अपना खर्च धीरे धीरे बढ़ना होगा, जो कि फिलहाल GDP का 3.7 परसेंट ही होता है.'

राइस का कहना है कि 'एक स्थायी और ज्यादा समन्वय वाली मीडियम टर्म ग्रोथ हासिल करने के लिए हेल्थ सेक्टर के अलावा स्ट्रक्चरल रिफॉर्म पर भी ध्यान की जरूरत है.'

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