चीन को अब तेजी से करारा जवाब देगी भारतीय सेना, मिल गए ये बड़े 'हथियार'
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चीन को अब तेजी से करारा जवाब देगी भारतीय सेना, मिल गए ये बड़े 'हथियार'

सरहद पर भारत को आंखे दिखा रहे चीन (China)  के खिलाफ भारतीय सेना को मंगलवार को दो बड़े 'हथियार' मिल गए. इन बड़े 'हथियारों' की मदद से सेना (Indian Army) अब तेजी से बॉर्डर पर कूच कर चीन को करारा जवाब दे सकेगी. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अब चीन (China) ने कभी भूटान (Bhutan) में डोकलाम के रास्ते सिलिगुड़ी कॉरीडोर पर दबाव बनाने की कोशिश की तो उसका मुक़ाबला भारतीय सेना (Indian Army) के टैंकों से होगा. उसी तरह लद्दाख में डेमचौक तक पहुंचने में अब भारतीय सेना को बहुत कम समय लगेगा. 

  1. 3 सड़क और 24 पुलों का उद्घाटन
  2. दुनिया की सबसे ऊंची सड़क हुई चालू
  3. चीन को मिलेगा करारा जवाब

3 सड़क और 24 पुलों का उद्घाटन

इसके लिए दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनकर तैयार है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को 3 सड़कों और 24 पुलों का उद्धाटन किया, जिनमें से कई रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण हैं. इन सभी सड़कों और पुलों का निर्माण सीमा सड़क संगठन यानि BRO ने किया है. 

दुनिया की सबसे ऊंची सड़क हुई चालू

इन सड़कों में सबसे महत्वपूर्ण सड़क लद्दाख में चुशूल को डेमचौक से जोड़ती है, जो 19300 फीट की ऊंचाई पर उमलिंग ला पास से गुजरती है. इस सड़क ने अब तक विश्व की सबसे ऊंची सड़क लद्दाख की ही खारदुंगला ला पास की सड़क का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वह सड़क 18300 फीट की ऊंचाई पर है. 52 किमी की इस सड़क के ज़रिए अब पूर्वी लद्दाख के डेमचौक, हनले जैसे इलाक़ों में जाना आसान हो जाएगा. वहां पर चीन (China) अक्सर घुसपैठ की कोशिश करता रहता है. 

चीन को मिलेगा करारा जवाब

सिक्किम में 2017 में चीन (China) के साथ 72 दिन लंबा तनाव हुआ था. उस वक्त चीन ने भूटान, भारत और चीन की सीमा पर अतिक्रमण करने की कोशिश की थी. तब भारतीय सेनाओं ने भूटान (Bhutan) के डोकलाम में चीनी सेनाओं को आगे बढ़ने नहीं दिया था. अब अगर दोबारा ऐसा हुआ तो चीनी सेनाओं को भारतीय सेना के टैंकों का सामना करना पड़ेगा. 

डोकलाम तक पहुंचने वाली सड़क पर बने नए पुल पर आसानी से टैंक ले जाए जा सकेंगे और भारतीय सेना (Indian Army) के दूसरे भारी सैनिक साजोसामान भी कम समय में मोर्चे तक पहुंच सकेंगे. एक महत्वपूर्ण सड़क पश्चिम बंगाल के मोरेघाट से चामुर्ची तक बनाई गई है, जो भूटान की सीमा तक तेज़ी से आवागमन संभव करेगी. 

लद्दाख में भी पुख्ता हुई तैयारी

बॉर्डर रोड ऑर्गनाइज़ेशन (BRO) के बनाए हुए 24 पुलों का भी मंगलवार को उद्घाटन हो गया. इनमें से जम्मू-कश्मीर में 9 पुल, लद्दाख में 5, हिमाचल प्रदेश में 5, उत्तराखंड में 3, सिक्किम-अरुणाचल प्रदेश में 1-1 पुल शामिल हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है दौलत बेस ओल्डी तक जाने वाली डीएसडीबीओ सड़क पर बने 2 पुल. इन पुलों के बन जाने से उन मोर्चों तक सैनिक आवागमन आसान हो जाएगा, जहां पिछले डेढ़ साल से चीनी औऱ भारतीय सैनिक आमने-सामने हैं.

पाकिस्तान की सीमा पर भी बने पुल

मनाली से लेह तक पहुंचने के रास्ते पर भी 6 नए पुल बनाए गए हैं, जिससे किसी भी मौसम में लद्दाख तक आवागमन चालू रहे. अरुणाचल प्रदेश में चीन (China) की सीमा तक पहुंचने वाले रास्ते पर टिडिंग में 155 मीटर लंबा पुल भी आवागमन के लिए चालू कर दिया गया है. पाकिस्तान की सीमा पर गुरेज़, माछिल में नए पुल चालू हो गए हैं वहीं सियाचिन पहुंचने के लिए चालुंका के पास एक नया पुल बना लिया गया है. 

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जून में ओपन हुई थी ये सुविधाएं

उत्तराखंड में मुंशियारी तक पहुंचने वाले रास्ते पर भी एक बड़ा पुल चालू हो गया है. इस साल बीआरओ (BRO) ने कुल 102 सड़कें औऱ पुल बनाकर तैयार कर दिए हैं. जून में रक्षामंत्री ने 63 पुलों और 12 सड़कों का उद्धाटन किया था, जो रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण थीं. 

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