India China Latest News: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले साढ़े तीन साल से लगातार सैन्य जमावड़ा बना हुआ है. दोनों देशों ने भारी हथियारों के साथ 50-50 हजार सैनिक तैनात कर रखे हैं. क्या दोनों में अब कोई समाधान हो गया है?
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India China Latest Updates: भारत और चीन में पिछले करीब साढ़े तीन सालों से पूर्वी लद्दाख में चल रही सैन्य तनातनी का अब तक कोई स्वीकार्य समाधान नहीं निकल पाया है. इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कई दौर की बात हो चुकी है लेकिन चीन के अड़ियल रवैये की वजह से मामला जहां का तहां अटका है. दोनों देशों ने इस मुद्दे के हल के लिए 9 और 10 अक्टूबर को 20वें दौर की सैन्य वार्ता की. इसमें टकराव के शेष बिंदुओं पर लंबित गतिरोध को समाप्त करने में कोई बड़ी सफलता मिलने का स्पष्ट संकेत नहीं मिला. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में भारत ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान पर जोर दिया, जिस पर चीन ने चुप्पी साध ली.
भारतीय क्षेत्र में हुआ बैठक का आयोजन
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता (India China) का 20वां दौर एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा के पास आयोजित किया गया था. इसमें दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य और राजनयिक तंत्रों के जरिए बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई. विदेश मंत्रालय ने बताया, ‘दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं आपस में स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया. यह वार्ता दोनों देशों के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा मुहैया कराए गए निर्देशों के अनुसार की गई और इस दौरान 13-14 अगस्त को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के पिछले दौर में हुई प्रगति को आगे बढ़ाया गया.’
बातचीत में नहीं निकला कोई समाधान
बयान में आगे गया कहा गया, ‘दोनों पक्ष प्रासंगिक सैन्य और राजनयिक तंत्र के जरिए संवाद और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए.’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘उन्होंने इस बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी जताई.’ सरकार पूर्वी लद्दाख को पश्चिमी सेक्टर कहती है. यह दूसरा ऐसा मौका था जब यह बातचीत दो दिन तक चली. इससे पहले, 19वें दौर की वार्ता (India China) में भी दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष मुद्दों का शीघ्रता से हल करने पर सहमत हुए थे.
कोर कमांडर ने किया भारतीय दल का नेतृत्व
इस वार्ता (India China) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रश्मि बाली ने किया. इस कोर का मुख्यालय लेह में है. वहीं चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के पीएलए कमांडर कर रहे थे. बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है. हालांकि भारत के जवाबी एक्शन के बाद दोनों पक्ष पैंगोंग झील के पास से अपने सैनिकों को पीछे हटा चुके हैं.
दोनों में मई 2020 से चल रहा है सैन्य तनाव
भारत लगातार कहता रहा है कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति कायम नहीं होती, तब तक चीन के साथ उसके संबंध (India China) सामान्य नहीं हो सकते. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था. इसके बाद जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प ने हालात और जटिल कर दिए.
(एजेंसी भाषा)