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नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) से जंग में भारत (India) कई देशों के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है. संकट की घड़ी में जहां अधिकांश देश अपने हित की सोच रहे हैं, वहीं भारत पड़ोसी देशों को भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) रूपी हथियार सौंपने की तैयारी कर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपने पड़ोसी देशों खासकर अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और मॉरीशस को वैक्सीन की 10 मिलियन यानी 1 करोड़ खुराक दान कर सकता है. नई दिल्ली ने पहले भी कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए पड़ोसी देशों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी.
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ऐसे देशों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की लगभग 10 मिलियन (1 करोड़) खुराक का दान करने पर विचार कर रहा है, जिनके साथ उसके मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. अपने हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए वैक्सीन की जरूरतों को ध्यान में रखने के साथ ही नई पड़ोसियों को भी वैक्सीन मुहैया कराने की योजना पर काम कर रही है. ताकि संकट काल में कूटनीतिक रिश्तों को और बेहतर बनाया जा सके.
रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि भारत सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की करीब 10 मिलियन खुराक अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, लंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स जैसे देशों को दान कर सकता है. भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने खुद को यह बात स्वीकारी है. उन्होंने सोमवार को कहा कि भारत सरकार भूटान को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देगी. भूटानी PM ने कहा, ‘हमने भारत सरकार से कहा है कि हमने सभी पात्र लोगों का एकसाथ टीकाकरण करने की योजना बनाई है. इस पर उन्होंने कहा कि वे इसे समझते हैं. भारत हमें फ्री में वैक्सीन देने जा रहा है’.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 जनवरी को बांग्लादेश को भी भारत की तरफ से कोरोना कोविशील्ड की 2 मिलियन डोज बतौर गिफ्ट मिलेगी. इतना ही नहीं, नेपाल को भी भारत सरकार मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देगी. गौरतलब है कि भारत सरकार ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है, जिसके बाद 16 जनवरी से देश में टीकाकरण अभियान चल रहा है. शुरुआती चरण में फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही है.
जानकर मानते हैं कि पड़ोसी देशों जो वैक्सीन डोनेट करके भारत चीन के समक्ष एक बड़ी चुनौती पेश करेगा. मुश्किल समय में भारत पड़ोसी देशों का सहारा बनकर सामने आया है, इसका फायदा उसे भविष्य में मिलेगा. जबकि चीन की पकड़ कई देशों पर ढीली हो सकती है. भारत वैसे भी पड़ोसियों की मदद करने में आगे रहता है. कोरोना महामारी के दौर में उसकी तरफ से नेपाल जैसे देशों को जरूरी संसाधन प्रदान किए गए हैं. अब वैक्सीन डोनेट करके वो पड़ोसी देशों को अपने और भी करीब ले आएगा.