30 Predator Drones की खरीद का मामला, MQ9B को लेकर हुआ ये दावा
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30 Predator Drones की खरीद का मामला, MQ9B को लेकर हुआ ये दावा

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत और अमेरिका सरकार के बीच 30 विमानों के प्रीडेटर/MQ9B खरीद कार्यक्रम पर बाचतीत अंतिम चरण में है. सूत्रों के मुताबिक यह प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा बनाए रखने की क्षमता है जिस पर विभिन्न मूलभूत समझौतों और एमटीसीआर में भारत के शामिल होने के जरिए कई वर्षों से काम किया गया है. 

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: अमेरिका (US) द्वारा भारत (India) को 30 प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन (Predator Armed Drones) बेचने पर बातचीत आखिरी दौर में है. इसकी अनुमानित लागत करीब तीन अरब डॉलर है. कई सूत्रों ने यह पुष्टि की है. यह पहली बार है जब अमेरिका किसी गैर नाटो (NATO) सहयोगी देश को ये ड्रोन बेच रहा है.

  1. प्रीडेटर ड्रोन का मामला
  2. आखिरी दौर में बातचीत
  3. इस ड्रोन का कोई जवाब नहीं
  4.  

2017 में हुआ था ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2017 में अमेरिका की यात्रा के दौरान पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत इस प्रमुख रक्षा सौदे की घोषणा की गयी थी. इसके बाद दोनों देशों ने इस पर बातचीत तेज कर दी और भारत को बेचे जाने वाले ऐसे ड्रोन की संख्या 10 से बढ़ाकर 30 कर दी. इनमें से प्रत्येक 10 ड्रोन नौसेना, वायु सेना और थल सेना को दिए जाएंगे.

आखिरी दौर में बातचीत

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत और अमेरिका सरकार के बीच 30 विमानों के प्रीडेटर/MQ9B खरीद कार्यक्रम पर बाचतीत अंतिम चरण में है. सूत्रों के मुताबिक यह प्रमुख रक्षा साझेदार का दर्जा बनाए रखने की क्षमता है जिस पर विभिन्न मूलभूत समझौतों और एमटीसीआर में भारत के शामिल होने के जरिए कई वर्षों से काम किया गया है. भारत इस क्षमता को हासिल करने वाला पहला गैर-नाटो साझेदार होगा.’

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रक्षा उद्योग में इन आधुनिक ड्रोन (Highteck Drone) का कोई सानी नहीं है. इनका निर्माण जनरल एटॉमिक्स (GA) करेगा.

(भाषा इनपुट के साथ) 

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