BrahMos Missile System: भारत के पास अगले 5-6 साल में वो हथियार होगा, जो किसी भी देश को खौफजदा करने के लिए काफी है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने सोमवार को बताया कि भारत-रूस डिफेंस के जॉइंट वेंचर ब्रह्मोस एयरोस्पेस हायपरसॉनिक मिसाइलें बना सकता है और अगले 5-6 साल में वह पहली ऐसी मिसाइल बना लेगा.
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BrahMos Missile System: भारत के पास अगले 5-6 साल में वो हथियार होगा, जो किसी भी देश को खौफजदा करने के लिए काफी है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने सोमवार को बताया कि भारत-रूस डिफेंस के जॉइंट वेंचर ब्रह्मोस एयरोस्पेस हायपरसॉनिक मिसाइलें बना सकता है और अगले 5-6 साल में वह पहली ऐसी मिसाइल बना लेगा.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल राणे ने कहा, 'ब्रह्मोस एयरोस्पेस हायपरसॉनिक मिसाइलें बनाने में सक्षम है. अगले 5-6 साल में हम ब्रह्मोस के तहत पहली हायपरसॉनिक मिसाइल बना लेंगे.' आजादी के 75वें साल में ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने सोमवार को सिल्वर जुबली सेलेब्रेशन्स (2022-23) का आगाज किया ताकि भारत के सबसे सफल मिलिट्री पार्टनरशिप प्रोग्राम का जश्न मनाया जा सके, जिसके तहत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ, तेज और सबसे घातक आधुनिक हथियार ब्रह्मोस का उत्पादन हुआ है.
दुनिया के सबसे विध्वंसक हथियारों में शुमार ब्रह्मोस के पहले सुपरसॉनिक लॉन्च के 21 वर्षों का जश्न 12 जून से शुरू होकर, 'रजत जयंती वर्ष' समारोह 12 फरवरी, 2023 को 'ब्रह्मोस स्थापना दिवस' पर खत्म होगा. एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन्स के दौरान संयुक्त इकाई ने कई समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के कॉम्पिटिशन भी आयोजित किए जाएंगे. इसमें इंडस्ट्री पार्टनर्स की भी मुलाकात होगी उन योगदानों पर बात होगी, जो देश में मिसाइल मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने में संयुक्त इकाई के इंडस्ट्री पार्टनर्स ने दिया है.
इसके अलावा एक यूजर इंट्रैक्शन मीटिंग भी होगी, जिसमें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम चलाने वाले भारतीय सुरक्षाबल पेशेवरों के योगदान का सम्मान किया जाएगा. मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के मकसद से मिसाइलों और एयरोस्पेस क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और इसके एप्लिकेशन पर एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता आयोजित की जानी है.
बता दें कि यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ में ब्रह्मोस मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बनाया जाएगा. ब्रह्मोस एयरोस्पेस को यूपी में नया मैन्युफैक्चरिंग सेंटर लगाने के लिए 80 हेक्टेयर भूमि मिली है और शुरुआती निवेश 300 करोड़ रुपये है. कंपनी की योजना है कि नई फैसिलिटी में मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े सभी कामों को 2024 के मध्य तक पूरा कर लिया जाए. पूरी तरह ऑपरेशनल होने के बाद इस यूनिट से हर साल 80-100 ब्रह्मोस सिस्टम का उत्पादन होगा.
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