भारतीय रेलवे (Indian Railways) की तस्वीर बदलने वाला नेशनल रेल प्लान (National Rail Plan) तैयार हो गया है, जिसके तहत बुलेट ट्रेन परियोजनाओं से लेकर स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना है.
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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railways) की तस्वीर बदलने वाला मोदी सरकार का नेशनल रेल प्लान (National Rail Plan) तैयार हो गया है. रेल मंत्रालय (Ministry of Railway) आज (शुक्रवार) शाम इसका ड्राफ्ट जारी करेगा. नेशनल रेल प्लान में पूरे भारतीय रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर बदलने का प्लान है. इसके तहत नई बुलेट ट्रेन परियोजनाओं से लेकर स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना है.
भारतीय रेलवे (Indian Railways) के नेशनल रेल प्लान (National Rail Plan) के तहत साल 2030 तक नई बुलेट ट्रेन परियोजनाओं से लेकर स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना है. इसके अलावा रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तरीय तैयार करने का खाका खींचा गया है. रेलवे की माने तो मोदी सरकार का नेशनल रेल प्लान देश में रेलवे की तस्वीर बदल देगा.
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2050 तक की जरूरतों पर ड्राफ्ट तैयार
रेलवे बोर्ड चेयरमैन विनोद कुमार यादव (Vinod Kumar Yadav) के मुताबिक, जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसमें सभी लोगों से सजेशन मांगे जा रहे हैं और इस प्लान में 2050 तक रेलवे की क्या-क्या जरूरत होगी, उस लिहाज से रेलवे का वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का खाका खींचा गया है.
रेलवे बोर्ड चेयरमैन वीके यादव के मुताबिक रेलवे ने वेटिंग टिकट (Waiting Ticket) खत्म करने का प्लान भी तैयार किया है. हालांकि अभी कोरोना काल में रेलवे जो भी 1089 ट्रेन चला रहा है, उनमें से 30 से 40 फीसदी ट्रेनें अभी भी बहुत ही कम ऑक्युपेंसी पर चल रही हैं. रेलवे सभी रूट पर बारीकी से नजर रख रहा है, जहां पर भी पैसेंजर कि ज्यादा डिमांड रहती है वहां या तो हम क्लोन ट्रेन चला रहे हैं या इस रूट पर और गाड़ियां बढ़ा रहे हैं. कोरोना को देखते हुए धीरे-धीरे ट्रेनों का परिचालन सामान्य किया जा रहा है.
रेलवे बोर्ड चेयरमैन के मुताबिक रेलवे को पैसेंजर ट्रेनों से कमाई में बड़ा नुकसान हुआ है. पिछले साल 53 हजार करोड़ रुपए पैसेंजर ट्रेनों से कमाई हुई थी, जो इस बार अभी तक केवल 4500 करोड़ की कमाई हुई है. पैसेंजर ट्रेनों से कमाई में 87 फीसदी की गिरावट आई है. वही माल भाड़े से 9000 करोड़ कम रेवेन्यू रेल को आया है. दरअसल, कोरोना के चलते रेलवे को इस साल भारी नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि अधिकतर पैसेंजर गाड़ियां बंद रही और माल ढुलाई भी लॉकडाउन में बहुत ज्यादा प्रभावित है.
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रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने बताया कि देशभर में होने वाली माल ढुलाई का 27 फीसदी योगदान रेलवे का है, बाकी सामान सड़क मार्ग और दूसरे साधनों से होता है. रेलवे का इरादा माल ढुलाई में रेलवे की भागीदारी और ज्यादा करने का है. नेशनल रेल प्लान (National Rail Plan) के तहत साल 2030 तक माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाकर 45 फीसदी करने का लक्ष्य है. इसके लिए रेलवे तेजी से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी तैयार कर रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा माल ढुलाई तेजी से तय वक्त पर देश भर में हो सके.
नेशनल रेल प्लान (National Rail Plan) में रेलवे पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार भी धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा. इसके लिए सात रूट चिन्हित किए गए हैं, जिन पर एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार सेमी हाई स्पीड करने का रेलवे का इरादा है. यानी इन रूटों पर रेलवे आने वाले दिनों में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से एक्सप्रेस ट्रेन चलाएगा. इसके साथ ही तीन नई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को भी नेशनल रेल प्लान में शामिल किया गया है, जिन पर काम तेजी से चल रहा है. यानी रेलवे बोर्ड चेयरमैन की मानें तो आने वाले कुछ सालों में भारतीय रेलवे में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जिसमें वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन और यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं शामिल हैं.