देश की 7500 किमी लंबी समुद्री सीमा पर नौसेना का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास
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देश की 7500 किमी लंबी समुद्री सीमा पर नौसेना का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास

समुद्र सुरक्षा को जांचने के लिए सबसे बड़ी कवायद शुरू. मुबंई हमले के 10 साल बाद समुद्र सुरक्षा को कसेंगे कसौटी पर. अब तक देश में कभी इतना बड़ा नौसैनिक अभ्यास नहीं हुआ.

photo : twitter/indian navy

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के 10 साल बाद भारतीय नौसेना ने अपनी समुद्री सीमा की सुरक्षा की जांच के लिए अब तक का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास 22 जनवरी से शुरू किया है. Exercise SEA VIGIL नाम का ये अभ्यास भारत की पूरी 7500 किमी से ज्यादा लंबी समुद्री सीमा पर हो रहा है. इसमें समुद्र तट के सभी 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं, इसमें नौसेना के अलावा कोस्ट गार्ड, मरीन पुलिस और मछली पकड़ने पर नज़र रखने वाली एजेंसियां भी हिस्सा ले रही हैं.

Exercise SEA VIGIL कई मायने में अभूतपूर्व है. पहली बार भारतीय नौसेना इतने बड़े इलाक़े में अभ्यास कर रही है. सुरक्षा को न केवल समुद्री सीमा, 2 लाख नॉटिकल मील का एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन और दूरदराज़ के द्वीप समूहों में परखा जाएगा, बल्कि तट के काफ़ी अंदर के इलाक़ों को भी इस अभ्यास के दायरे में लाया गया है. इसका अर्थ ये है कि अगर कोई आतंकवादी समुद्र के रास्ते अंदर के इलाक़े में दाखिल भी हो जाएं तो वो बच न पाएं.

इस अभ्यास में रक्षा मंत्रालय के अलावा, गृह मंत्रालय, पेट्रोलियन और प्राकृतिक गैस, मत्स्य पालन, कस्टम के अलावा राज्य सरकारें भी शामिल हैं. इस अभ्यास से अलग-अलग मंत्रालयों और सरकारों के बीच तालमेल को भी परखा जाएगा. इस अभ्यास में नौसेना समुद्र के गश्त, तटों की सुरक्षा और किसी आपात स्थिति में तुरंत सुरक्षा बलों के कार्रवाई करने की क्षमता को जांचा जाएगा.

मुबंई हमले के बाद भारतीय नौेसेना को समुद्र और तटीय इलाक़ों की सुरक्षा का पूरी तौर पर ज़िम्मा दिया गया था. मुंबई, कोच्चि, विशाखापट्टनम और पोर्ट ब्लेयर के नौसेना कमांडरों को COMMANDER IN CHIEF COASTAL DEFENCE पद की ज़िम्मेदारी दी गई थीं. भारतीय तटरक्षक बल को तटीय सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी, जबकि तटवर्ती राज्यों में मरीन पुलिस का अलग विभाग बनाया गया था, जिनकी ज़िम्मेदारी तट के अंदर होने वाली किसी घटना का सामना करने की थी. कई स्तरों पर गश्त और नज़र रखने के लिए भी इन दस सालों में बहुत कुछ किया गया है.

टेक्निकल सर्विलेंस के लिए तटों पर रडारों की एक श्रृंखला बनाई गई है. इसके लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर एक नेटवर्क तैयार किया गया है, जो हर वक्त भारत के आसपास समुद्र में होने वाली हर हरक़त पर नज़र रखता है. इन सारे प्रयासों के बाद भी समुद्र से आने वाला ख़तरा हर रोज़ बढ़ रहा है. Exercise SEA VIGIL इन ख़तरों का सामना करने की तैयारी को जांचने की सबसे बड़ी कोशिश है.

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