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नई दिल्ली: लद्दाख में भले ही चीनी सेना (Chinese Army) पीछे हट रही हो, लेकिन भारत (India) हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. चीन के इतिहास को देखते हुए भारत सरकार कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती. इसलिए इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) को पेट्रोलिंग (Patrolling) मजबूत करने का आदेश दिया गया है. ITBP के डायरेक्टर जनरल सुरजीत सिंह देसवाल (Surjeet Singh Deswal) ने बताया कि शॉर्ट और लॉन्ग-रेंज पेट्रोलिंग बढ़ाने की योजना पर काम चल रहा है. बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के कुछ इलाकों से डिसएंगेजमेंट (Disengagement) के लिए सहमत हुईं हैं.
‘हमारी Patrolling जारी रहेगी’
ITBP के DG देसवाल ने कहा कि डिसएंगेजमेंट (Disengagement) पर सहमति दोनों देशों की सेनाओं में बनी है. हम बॉर्डर पर पेट्रोलिंग करना जारी रखेंगे. इसमें शॉर्ट और लॉन्ग-रेंज पेट्रोलिंग भी शामिल है. उन्होंने आगे कहा कि वैसे तो हमारे सभी बॉर्डर आउट पोस्ट्स (BOPs) पर पिछले साल से ही पूरी तरह तैनाती की गई है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए पेट्रोलिंग को और मजबूत किया जाएगा.
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Govt has given the mandate of border management to ITBP. Disengagement is only between Armies (India and China). We will continue to conduct our short & long-range patrol. Patrolling will be strengthened, Army will be behind us: ITBP DG SS Deswal pic.twitter.com/rTxWqJptg0
— ANI (@ANI) February 23, 2021
Border Management ITBP के पास
देसवाल ने कहा कि सरकार ने बॉर्डर मैनेजमेंट का काम ITBP को सौंपा है और सेना भी हमारे साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर हुआ डिसएंगेजमेंट समझौता दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुआ है. हम अपना काम जारी रखेंगे. ITBP के DG के इस बयान से साफ है कि चीन को लेकर भारत किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. चीन पहले भी कई मौकों पर समझौतों से पलट चुका है. इसलिए भारत हर स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहना चाहता है.
हो चुकी हैं कई Meetings
भारत और चीन के बीच तनाव पिछले साल लद्दाख हिंसा के बाद से चरम पर पहुंच गया था. दोनों पक्षों में विवाद का हल तलाशने के लिए कई बैठकें हुईं, लेकिन चीन के अड़ियल रुख की वजह से बात आगे नहीं बढ़ सके. हालांकि, जब भारत की कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने माहौल से चीन के पसीने छूटने लगे, तो वह सैनिकों की वापसी पर राजी हो गया. हाल ही में दोनों देशों के बीच दसवीं वरिष्ठ कमांडर स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें दोनों ने डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया पर खुशी जाहिर करते हुए अन्य इलाकों से सैनिकों की वापसी पर चर्चा की थी.