ITR रिटर्न फाइल करना होगा अब और भी आसान, 1 अप्रैल से भरना होगा एक पेज का आईटीआर फॉर्म !
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ITR रिटर्न फाइल करना होगा अब और भी आसान, 1 अप्रैल से भरना होगा एक पेज का आईटीआर फॉर्म !

आयकर रिटर्न भरना हमेशा से ही खासी दिक्कत का काम रहा है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा जी हां कहा जा रहा है कि नए वित्तीय वर्ष से ITR फाइल करना पहले के मुकाबले काफी आसान होने वाला है.

ITR फाइल करना होगा अब और भी आसान (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: आयकर रिटर्न भरना हमेशा से ही खासी दिक्कत का काम रहा है लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा जी हां कहा जा रहा है कि नए वित्तीय वर्ष से ITR फाइल करना पहले के मुकाबले काफी आसान होने वाला है.

1 अप्रैल से होने वाले ढेर सारे बदलावों में एक बड़ा बदलाव ये होगा कि सालाना 50 लाख तक इनकम वालों के लिए आईटी रिटर्न भरना आसान हो जाएगा.5 लाख से 50 लाख रुपये की आमदनी वालों के लिए अब रिटर्न फॉर्म भरना काफी आसान होगा क्योंकि उन्हें अब सिर्फ 1 पेज का ही फॉर्म भरना पड़ेगा. 

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जो फॉर्म फिलहाल तीन-चार पेज का होता है उसे छोटा कर सरकार इसके लिए आईटीआर-1 का नया फॉर्म लाएगी. 1 अप्रैल से ये नया फैसला लागू होगा और रिटर्न फाइल बढ़ाने के मकसद से ये फैसला किया गया है.

नया फॉर्म 1 अप्रैल से उपलब्ध होगा

सैलरीड क्लास के लिए आयकर रिटर्न भरने के लिए एक छोटा नया फॉर्म 1 अप्रैल से उपलब्ध होगा. आयकर विभाग ने इस फॉर्म में कुछ बिंदुओं को हटा दिया है जिससे यह पहले से छोटा और आसान हो गया है.

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ये फैसला सिर्फ सर्विस क्लास के लिए है और इसके तहत इनकम में सैलरी के अलावा रेंटल इनकम भी शामिल होगी. इसमें आमदनी के अलग स्रोत पर नियम नहीं लागू होगा. अगर नौकरीपेशा लोगों की आमदनी के इन दोनों से ज्यादा जरिए स्रोत हैं तो उन्हें रिटर्न के लिए दूसरा फॉर्म ही भरना पड़ेंगा.

फॉर्म में सूचना भरने को पहले से कम बॉक्स होंगे

कहा जा रहा है कि वेतन और ब्याज से आय वाले व्यक्तिगत टैक्स देने वालों के लिए फॉर्म में सूचना भरने को पहले से कम बॉक्स होंगे. आय कटौती के दावों से जुड़े कुछ बॉक्स को आईटीआर-1 फॉर्म में शामिल कर दिया गया है. इस फॉर्म का नाम 'सहज' रखा गया है.

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निर्धारण वर्ष 2017-18 के रिटर्न फॉर्म में आयकर के अध्याय 6-ए के तहत किए जाने वाले विभिन्न कटौती के दावों की जानकारी से जुड़ा बॉक्स हटा दिया गया है और केवल उन्हीं बिंदुओं को इसमें रखा गया है जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है.

रिटर्न फॉर्म भरते समय करदाता को अपना पैन, आधार नंबर, व्यक्तिगत सूचना और जानकारी देनी होगी इसके साथ ही उसके द्वारा भरे गए टैक्स, टीडीएस की जानकारी अपने आप ही उसमें आ जाएगी. 

 

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