Jammu-Kashmir Statehood: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने कहा, 'महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव शायद अक्टूबर में होने हैं. इसलिए (जम्मू-कश्मीर को) पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की घोषणा और वहां विधानसभा चुनाव भी अक्टूबर में हो सकते हैं.'
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Kashmir Elections: अब तक यह सवाल जरूर किया जाता रहा है कि क्या जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. अब इस पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जा सकता है और वहां अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने कहा, 'महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव शायद अक्टूबर में होने हैं. इसलिए (जम्मू-कश्मीर को) पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की घोषणा और वहां विधानसभा चुनाव भी अक्टूबर में हो सकते हैं.' उन्होंने लोगों से अपील की कि चुनाव होने पर वे बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए आएं.
आठवले की पार्टी उतारेगी उम्मीदवार
आठवले ने कहा, 'मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को संसदीय चुनावों में बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए बधाई देता हूं. जम्मू-कश्मीर अच्छी प्रगति कर रहा है और विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड तोड़ मतदान होना चाहिए.' रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आठवले ने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों में 10-15 उम्मीदवार उतारेगी.
अब्दुल्ला ने कही ये बात
वहीं जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने निर्वाचन आयोग के सामने अपनी बात रखी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गई समय सीमा के अनुसार विधानसभा चुनाव कराने के लिए बाध्य है, बशर्ते उसे लगता हो कि स्थिति 1996 की तुलना में बेहतर है. अब्दुल्ला ने जम्मू क्षेत्र की उपेक्षा करने और पूरी तरह से कश्मीर में शांति बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बीजेपी सरकार की आलोचना की, जिससे जम्मू में आतंकवाद फिर बढ़ गया.
अब्दुल्ला ने बानी में एक रैली में कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग की टीम श्रीनगर में है. मेरे सहयोगियों को सुबह 10.30 बजे उनसे मिलने का मौका मिला. हमने निर्वाचन आयोग को अपने विचार के बारे में बताया. हम चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए शीघ्र अधिसूचना की उम्मीद कर रहे हैं.' चुनाव के समय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अधिकारियों पर निर्भर है कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करें या स्वीकार करें कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति 1996 से भी बदतर है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)