पहाड़ी गांव होने के कारण गाड़ी गांव के अंदर तक नहीं जा पाई और इसके बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 4 किलोमीटर तक पैदल यात्रा की और शोपिया एनकाउंटर में मारे गए युवकों के परिवार से मिलकर इंसाफ का भरोसा दिलाया.
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राजौरी: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने गुरुवार को कश्मीर घाटी के शोपियां (Shopian Encounter) में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए तीनों युवकों के परिवार वालों से मुलाकात की. पहाड़ी होने के कारण गाड़ी गांव तक नहीं जा पाई, इसके बाद मनोज सिन्हा ने 4 किलोमीटर तक पैदल यात्रा की और युवकों के परिवार वालों से मिलकर इंसाफ का भरोसा दिलाया.
मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, "परिवार वालों से मुलाकात कर मैंने अपनी संवेदना व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का संदेश दिया कि न्याय किया जाएगा." उनका कहना था कि मामले की जांच चल रही है और सच्चाई बाहर आएगी.
Jammu & Kashmir: Lieutenant Governor Manoj Sinha yesterday travelled on foot for about 4-km to reach Rajouri's Tarkassi village to meet families of the three youths killed in Shopian in July. He said, "I expressed my condolences &delivered PM's message that justice will be done." pic.twitter.com/QJE77LIojo
— ANI (@ANI) October 9, 2020
पहले से नहीं था मुलाकात का प्लान
जानकारी के अनुसार मनोज सिन्हा राजौरी में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए पहुंचे और फिर उन्होंने शोपिया मुठभेड़ में मारे गए तीन युवकों के परिजनों से मिलने के फैसला किया. तय कार्यक्रम के अनुसार तरकस्सी जाने का कोई प्लान नहीं था, इस बात से अफसर भी हैरान हो गए. इसके बाद वह अपनी गाड़ी से तरकस्सी गांव पहुंचे, लेकिन पहाड़ी इलाका होने के कारण गाड़ी गांव के अंदर नहीं जा पाई. इसके बाद मनोज सिन्हा गाड़ी से उतरे और पैदल चल पड़े.
परिजनों से ली पूरे मामले की जानकारी
उपराज्यपाल तरकस्सी गांव में मोहम्मद यूसुफ के घर पहुंचे. मारे गए तीन युवकों में एक यूसुफ का बेटा भी शामिल था. बाकी दो युवकों के परिजनों से वहीं पर मुलाकात हो गई. उपराज्यपाल ने परिजनों से पूरे मामले की जानकारी ली और उन्हें इंसाफ का भरोसा दिलाया.
18 जुलाई को हुआ था एनकाउंटर
बता दें कि 18 जुलाई को शोपिया में तीन युवकों के मुठभेड़ में मारे जाने की बात सामने आई थी. उनके परिजनों का कहना था कि सभी शोपिया में काम करने के लिए गए थे. परिजनों की तरफ से मामले को उठाए जाने के बाद जांच शुरू हुई.
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