कपिल सिब्बल को पार्टी से निकालने की मांग, इस नेता ने बताई कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी
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कपिल सिब्बल को पार्टी से निकालने की मांग, इस नेता ने बताई कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी

नाराज नेताओं की बैठक के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राहुल गांधी से मुलाकात की है. विधान सभा चुनाव के नतीजों और पार्टी को मजबूत करने को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई और माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने हरियाणा में पार्टी को मजबूत बनाने पर भी बातचीत की है.

सिब्बल के खिलाफ मुखर कांग्रेस नेता

नई दिल्ली: हाल में हुए पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और इसके बाद फिर से पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. कांग्रेस साफ तौर पर दो धड़ों में बंट चुकी है. एक खेमा गांधी परिवार का भरोसेमंद है तो दूसरा उन असंतुष्ट नेताओं का है जो नेतृत्व परिवर्तन के लिए आवाज उठाते रहे हैं.

  1. कांग्रेस नेताओं के निशाने पर सिब्बल
  2. जी-23 नेताओं की बैठक से हंगामा
  3. सिब्बल को कांग्रेस से निकालने की मांग

G-23 नेताओं की बैठक से मचा हंगामा

कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को G-23 के नाम से जाना जाता है. इनमें गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं. दिल्ली में बुधवार को इन नेताओं की बैठक भी हुई, जिसमें फैसला किया गया कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी ताकतों को साथ लाए ताकि 2024 के चुनाव में एक मजबूत विकल्प जनता के सामने मौजूद हो सके. 

कांग्रेस के इन नेताओं के खिलाफ गांधी परिवार के भरोसेमंद लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. अब छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कपिल सिब्बल को पार्टी से बाहर निकालने की मांग कर दी है. उन्होंने कहा कि सिब्बल को कांग्रेस से निकाल देना चाहिए और अब उन्हें अपनी पार्टी बनानी चाहिए. सिंहदेव ने कहा कि अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और मुझे लगता है कि टोलरेंस ही कांग्रेस के कमजोर होनी की सबसे बड़ी वजह है.

नेताओं के निशाने पर सिब्बल

सिंहदेव पहले ऐसे नेता नहीं है जिसने G-23 बैठक के बाद सिब्बल को निशाने पर लिया है. इससे पहले सलमान खुर्शीद ने सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा था कि G-23 उन्होंने पार्टी में किसी भी पद के लिए चुनाव कब लड़ा था. सिब्बल ने खुलेआम गांधी परिवार के नेतृत्व की आलोचना की थी. यही नहीं पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी सिब्बल के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं.

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कांग्रेस के नाराज नेताओं के ग्रुप ऑफ 23 ने 2020 में सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी में बदलाव की मांग की थी. साथ ही उन्होंने 5 राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद गांधी परिवार को कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से अलग होने की मांग कर दी थी. साथ ही कहा था कि अब किसी और को मौका देना चाहिए. इन नेताओं में कपिल सिब्बल अलावा आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, शंकर सिंह वाघेला, अखिलेश प्रसाद सिंह, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, राजेंद्र कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा, परनीत कौर और एम ए खान शामिल हैं.

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